बिहार की चुनावी जंग फतह करने के लिए बीजेपी ने पूरी तरह से कमर कस ली है. सीट शेयरिंग पर सहमति बनने के बाद बीजेपी ने अपने सियासी पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं. बीजेपी ने 71 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर सामाजिक और जातीय संतुलन बनाने के बाद अब पीएम मोदी से लेकर अमित शाह तक को बिहार के सियासी रणभूमि में उतारकर माहौल बनाने की स्ट्रैटेजी (रणनीति) बनाई है.
बीजेपी ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पहली सूची जारी करने के साथ विपक्ष को आक्रामक तरीके से घेरने की प्लानिंग की है. इस रणनीति के हिसाब से बीजेपी विपक्ष को मात देना चाहती है. बीजेपी की यह स्ट्रैटेजी विपक्ष को सबसे ज्यादा परेशान कर सकती है.
बिहार उन चुनिंदा राज्यों में से एक है, जहां पर बीजेपी अभी तक अपना मुख्यमंत्री नहीं बना सकी है. नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से बीजेपी ने उत्तर से लेकर दक्षिण भारत तक की सियासी जंग फतह करने में कामयाबी हासिल की है, लेकिन बिहार में कमल नहीं खिला सकी. इस बार बीजेपी के लिए सूबे में पूरा मौका है, जिसके चलते कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती.
बीजेपी ने बनाया नए-पुराने चेहरे का संतुलन
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बिहार विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने मंगलवार को अपने 71 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया. बीजेपी ने अपने 10 मौजूदा विधायकों के टिकट काटे हैं, जिसमें 5 मंत्री भी हैं. बीजेपी ने जिन 71 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए हैं, उसमें पार्टी के 56 विधायक थे. 10 विधायकों के टिकट काटे जाने के बाद 46 मौजूदा विधायकों पर भरोसा जताया है तो 25 नए चेहरे उतारे हैं. बीजेपी की पहली लिस्ट में 13 मंत्री और 9 महिला प्रत्याशी हैं.
बीजेपी ने सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, नितिन नवीन, डॉ. प्रेम कुमार, मंगल पांडेय, नीतीश मिश्रा, जीवेश मिश्रा, नीरज कुमार और रामकृपाल यादव जैसे दिग्गज नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा है. वहीं, रत्नेश कुशवाहा, संजय गुप्ता, सुनील कुमार कुशवाहा, सिद्धार्थ सौरभ, संजीव चौरसिया जैसे नए चेहरों पर भरोसा जताया है. बीजेपी ने अपने अनुभवी चेहरों के साथ नई पीढ़ी के नेतृत्व को आगे बढ़ाने का दांव चला है.
बिहार की कास्ट पॉलिटिक्स पर BJP का दांव
बीजेपी ने अपने कोटे की 70 फीसदी सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए हैं, जिसके जरिए बिहार की कास्ट पॉलिटिक्स को साधने का दांव चला है. बीजेपी ने अपने कोर वोटबैंक पर पकड़ बनाए रखते हुए विपक्ष के वोटों में सेंधमारी का प्लान बनाया है. बीजेपी ने जिन 71 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, उसमें 34 सवर्ण, 12 ओबीसी, 11 अतिपिछड़ी, 6 दलित और 8 वैश्य समुदाय के हैं. इस तरह बीजेपी ने 50 फीसदी टिकट सवर्ण जातियों को दिया है तो 50 फीसदी टिकट में ओबीसी से लेकर दलित और वैश्य समुदाय को साधने का दांव चला है.
बीजेपी ने अपने सवर्ण वोटबैंक को साधे रखने के लिए उचित प्रतिनिधित्व दिया है. भूमिहार, ब्राह्मण, राजपूत और कायस्थ पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों को भी लिस्ट में शामिल किया गया है. सवर्णों में 15 राजपूत, 11 भूमिहार, 7 ब्राह्मण, एक कायस्थ और एक चंद्रवंशी को जगह दी है. ओबीसी समाज में चार यादव, चार कुशवाहा, तीन कुर्मी और एक दंगी को दिया है. इसके अलावा अतिपिछड़ी जाति के अलग-अलग जातियों को उतारा तो आठ वैश्य समाज को दिया. इस तरह बीजेपी ने सामाजिक न्याय और राजनीतिक रणनीति के बीच संतुलन का दांव चला है ताकि एक मजबूत सियासी समीकरण के साथ चुनावी जंग फतह कर सके.
पीएम मोदी बीजेपी के बूथ को करेंगे मजबूत
पीएम मोदी बुधवार को बीजेपी के लिए सियासी जमीन तैयार करने और चुनावी जंग को फतह करने की आधारशिला रखेंगे. बुधवार की शाम बिहार के सभी बूथ कार्यकर्ताओं के साथ पीएम मोदी संवाद करेंगे, यानी सीधे तौर पर वे कार्यकर्ताओं से रूबरू होंगे और उन्हें चुनावी जीत का मंत्र देंगे. प्रधानमंत्री 10 लाख से ज्यादा बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से सीधे जुड़ेंगे.
बीजेपी की जीत में बूथ कार्यकर्ताओं का हमेशा से अहम रोल होता है. यही वजह है कि पीएम मोदी चुनावी अभियान का आगाज बूथ कार्यकर्ताओं के साथ संवाद से शुरू कर रहे हैं. इससे कार्यकर्ताओं में जोश भरने की तैयारी है और हर वोटर तक पहुंचने का प्लान माना जा रहा है. वोटिंग के दिन वोटर को बूथ तक ले जाने में इन्हीं बूथ कार्यकर्ताओं का अहम रोल होता है.
बिहार की चुनावी कमान संभालेंगे अमित शाह
बीजेपी की योजना के मुताबिक पीएम मोदी के बूथ कार्यकर्ताओं से संवाद के ठीक एक दिन बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार के चुनावी रणभूमि में उतर जाएंगे. अमित शाह तीन दिनों तक कैंप करके बीजेपी के जीत की आधारशिला रखेंगे. बुधवार से शुक्रवार तक अमित शाह बिहार के अलग-अलग हिस्सों में बैठकें और चुनावी जनसभा करेंगे.
अमित शाह इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करके फीडबैक लेंगे और फिर जमीनी स्तर पर माहौल बनाने का मंत्र देंगे. अमित शाह का यह कार्यक्रम भाजपा कार्यकर्ताओं को यह संदेश देने के लिए है कि हर एक सीट पर एनडीए की जीत सुनिश्चित करनी है. अमित शाह के उतरने से बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं में एक अलग तरह का जोश देखने को मिल सकता है.
बीजेपी अपने सीएम की उतारेगी पूरी फौज
बीजेपी बिहार की चुनावी जंग फतह करने के लिए अपने शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को उतारने की स्ट्रैटेजी है. इसके लिए बीजेपी ने बाकायदा एक बड़ा प्लान तैयार किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह ही नहीं, बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री सीधे तौर पर बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी अलग-अलग भूमिका में सक्रिय होंगे और किसी न किसी तरीके से जनता से जुड़ेंगे.
बीजेपी रणनीतिकारों के मुताबिक, यह सिर्फ एक तरीके का प्लान है. इसी तरीके से अलग-अलग योजनाएं बनाई गई हैं ताकि बिहार के अलग-अलग हिस्सों में क्षमता तक बीजेपी की बात पहुंचाई जा सके. बिहार में पार्टी उम्मीदवारों के नामांकन में बीजेपी के शासित राज्यों के सीएम और दूसरे बड़े नेता शिरकत करेंगे.
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