Shiv Puran: हिंदू धर्म में 18 महापुराणों में से एक शिव पुराण भी है, जिसमें भगवान शिव और माता पार्वती की महिमा, लीलाओं और अवतारों का जिक्र किया गया है. शिव पुराण में वैवाहिक जीवन से जुड़े रहस्यों के बारे में भी बताया गया है.
हिंदू शास्त्र के अनुसार पति-पत्नी का रिश्ता पवित्र होने के साथ समर्पण का भी प्रतीक होता है. हमारे शास्त्र बताते हैं कि, पति-पत्नी के सोने का तरीका भी उनके रिश्ते और भाग्य को प्रभावित करता है. शिव पुराण के अनुसार पत्नी को हमेशा पति के बाईं तरफ सोना चाहिए
शास्त्रों में पति-पत्नी के सोने का सही तरीका क्या है?
शास्त्रों के अनुसार पति को हमेशा दाईं और पत्नी को बाईं ओर सोना चाहिए. यह तरीका शाश्वत शिव-शक्ति संतुलन को दर्शाता है. धार्मिक ग्रंथों में भी मां पार्वती भगवान शिव के बाईं ओर बैठती हैं, जो पुरुष की (सूर्य नाड़ी) और स्त्री (चंद्र नाड़ी) की ऊर्जा को दर्शाता है.
इस नियम का पालन न करने के परिणाम
- पति-पत्नी की ऊर्जा असुंतलित हो सकती है.
- रिश्तों में गलतफहमी की स्थिति
- पति-पत्नी के रिश्ते में सामंजस्य और समृद्धि में कमी आना
- शिव-पार्वती के दिव्य आशीर्वाद से वछिंत रहना
नियम का पालन सही से किया जाए तो पति-पत्नी के रिश्ते में मजबूती आने के साथ प्रेम और विश्वास में इजाफा होना. घर में शांति और सकारात्मकता का माहौल रहना, घर में समृद्धि और प्रचुरता और शिव-पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
सनातन धर्म में छोटी-छोटी आदतों के पीछे गहरे आध्यात्मिक अर्थ का रहस्य छिपा होता है. शास्त्र अनुसार सही मुद्रा में सोना मात्र आदत ही नहीं, अपितु ये आप के रिश्ते को संतुलन करने का एक माध्यम भी है.
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