हर दिन कोई न कोई कॉल आता है, जिसमें कहा जाता है, “आपका KYC बंद है”, “ATM ब्लॉक हो जाएगा”, “लोन मंज़ूर कराना है?”और फिर किसी लिंक पर क्लिक करते ही खाते से पैसे उड़ जाते हैं. लेकिन TRAI ने बड़ा ऐक्शन प्लान शुरू किया है, ताकि लोगों को स्पैम कॉल्स और साइबर फ्रॉड से बचाया जा सके. गुरूवार को दिल्ली में हुई 9वीं ज्वाइंट कमेटी ऑफ रेगुलेटर्स (JCoR) की बैठक में TRAI ने RBI, SEBI, MeitY, NPCI और कई मंत्रालयों के साथ मिलकर डिजिटल सुरक्षा को लेकर कई अहम फैसले लिए. गूगल, मेटा, GSMA और COAI जैसी बड़ी कंपनियां भी इस बैठक में शामिल रहीं. मीटिंग का मुख्य मकसद था- यूज़र्स को ठगी से बचाना और सिस्टम को क्लीन बनाना.
इस मीटिंग के बाद क्या-क्या बदलेगा?
अब बैंक कॉल आएगा सिर्फ “1600” नंबर से आएगा- TRAI ने तय किया है कि अब बैंक, फाइनेंस और इंश्योरेंस कंपनियाँ सिर्फ 1600 से शुरू होने वाले नंबर से ही कॉल करेंगी. पहले ये सीरीज़ कुछ बैंकों तक सीमित थी, बाकी कंपनियाँ पुराने 140 या मोबाइल नंबर से कॉल करती थीं। इसी का फायदा ठग उठा लेते थे. अब सभी को इस सीरीज़ में लाने का फैसला हो गया है. मतलब अगर आगे से कोई कॉल “1600” से नहीं आ रही तो समझ लीजिए, वो बैंक वाला नहीं, ठग है.
SMS में भेजे लिंक अब पहले से वेरिफाइड होंगे- कंपनियों को अब अपने URLs, ऐप लिंक, OTT लिंक और Callback नंबर पहले से TRAI के पास वाइटलिस्ट कराने होंगे. इससे “क्लिक करो और इनाम पाओ” जैसी फेक वेबसाइट या ऐप्स की पोल खुल जाएगी.
ब्लैकलिस्ट भी पब्लिक होगी- TRAI और टेलीकॉम कंपनियाँ अब उन कंपनियों की लिस्ट जारी करेंगी जो स्पैमिंग या फ्रॉड में पकड़ी गई हैं. यानि ठगों का नाम अब सीधे वेबसाइट पर दिखेगा.
OTP सिस्टम होगा और सुरक्षित- TRAI अब कैप्चा और रियल-टाइम वेरिफिकेशन जैसे सिक्योरिटी फीचर्स लागू कर रहा है ताकि किसी का अकाउंट या डेटा चुराना आसान न हो.
TRAI चेयरमैन अनिल कुमार लाहोटी का कहना है कि डिजिटल दुनिया में भरोसा बनाए रखना सबसे ज़रूरी है. आज जो कदम उठाए गए हैं, वो यूज़र्स की सुरक्षा और पारदर्शिता दोनों को मज़बूत करेंगे.
यानि अब अब वक्त है फेक कॉल्स को अलविदा कहने का। जल्द ही जब आपके फोन पर “1600” से कॉल आएगी, तो समझिए — वो बैंक से है, किसी ठग से नहीं।.
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