पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा पर तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है. दोनों देशों के बीच शुक्रवार को 48 घंटे के युद्धविराम (Ceasefire) को आपसी सहमति से आगे बढ़ाने पर सहमति बनी. इसके कुछ ही घंटों बाद, तालिबान ने पाकिस्तान पर अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत में एयर स्ट्राइक करने का आरोप लगाया. तालिबान के अनुसार, पाकिस्तान ने डूरंड लाइन से सटे पक्तिका प्रांत के कई जिलों में हवाई हमले किए.
यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब दोनों पक्षों के बीच चल रहे सीमा पर चल रहे गतिरोध को शांत करने के लिए दोहा में शांति वार्ता की तैयारी चल रही है. टोलोन्यूज ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पाकिस्तान सीमा पर स्थित अफगानिस्तान के अरगुन और बरमल जिलों में कई घरों पर हवाई हमले हुए. इन हमलों में अभी तक किसी के हताहत होने की पुष्टि नहीं हुई है. इस बीच तीन पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों और एक अफगान तालिबान सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा कि दोहा शांति वार्ता के लिए एक पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल पहले ही कतर की राजधानी में पहुंच चुका है, जबकि अफगान प्रतिनिधिमंडल के शनिवार को दोहा पहुंचने की उम्मीद है.
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तालिबान ने किया 58 PAK सैनिकों की मौत का दावा
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के सुरक्षा बलों के बीच सीमा पर कई दिनों से चल रही भीषण लड़ाई में पहली बार 15 अक्टूबर को अस्थायी युद्ध विराम स्थापित हुआ था, जिसमें दोनों पक्षों के दर्जनों जवान मारे गए थे और सैकड़ों घायल हुए थे. तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने दावा किया था कि पाकिस्तानी सेना के आग्रह पर 48 घंटे का युद्ध विराम घोषित किया गया था. दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर उकसावे का आरोप लगाया. पाकिस्तान ने सीमा पर गोलीबारी में 20 तालिबानी लड़ाकों के मारे जानें का दावा किया, वहीं तालिबान ने 58 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत और कुछ पाकिस्तान चौकियों पर कब्जा करने का दावा किया.
आत्मघाती हमले में सात पाकिस्तानी सैनिकों की मौत
इससे पहले, पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को उत्तरी वजीरिस्तान में एक सैन्य शिविर पर हुए आत्मघाती हमले में 7 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और 13 अन्य घायल हो गए. यह हमला इस्लामाबाद और काबुल के बीच दोहा में होने वाली शांति वार्ता से कुछ घंटे पहले हुआ. अधिकारियों के अनुसार, एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदी एक गाड़ी मीर अली स्थित खड्डी सैन्य शिविर की चारदीवारी में घुसा दी और दो अन्य हमलावरों ने शिविर पर धावा बोलने की कोशिश की, लेकिन उन्हें मार गिराया गया. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा है कि उसकी फिदायिन यूनिट खालिद बिन वलीद और तहरीक तालिबान गुलबहादर ने ये हमले किए.
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शहबाज शरीफ ने शांति के लिए आगे बढ़ाया था हाथ
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक दिन पहले कहा था कि वह तालिबान के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा था कि वह उचित शर्तों पर संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं और गेंद अब अफगानिस्तान के पाले में है. जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, शहबाज शरीफ ने यह टिप्पणी गुरुवार को संघीय कैबिनेट की बैठक में अपने संबोधन के दौरान की. उन्होंने स्पष्ट किया कि स्थायी युद्ध विराम चाहते हैं या नहीं, यह तालिबान को तय करना है. हालांकि, बैठक के दौरान, शरीफ ने अपने रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की बात दोहराई, जिसमें उन्होंने दावा किया कि तालिबान शासन ने भारत के इशारे पर पाकिस्तान पर हालिया हमला किया था.
पाकिस्तानी स्ट्राइक के बाद सीमा पर बिगड़े थे हालात
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अपने आरोपों के समर्थन में कोई सबूत पेश किए बिना कहा कि यह हमला उस समय हुआ जब अफगानिस्तान की सत्ता में काबिज तालिबान सरकार के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी भारत दौरे पर थे. दिलचस्प बात यह है कि दोनों देशों के बीच तनाव तब बढ़ा, जब पाकिस्तान ने काबुल में दो हवाई हमले किए, जिसके बाद तालिबान ने तथाकथित ‘जवाबी कार्रवाई’ की. पाकिस्तान का आरोप कि अफगानिस्तान टीटीपी (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) आतंकियों को पनाह दे रहा है. वहीं तालिबान पाकिस्तान के इस दावे को खारिज करता है. अफगानिस्तान में 2021 से तालिबान के सत्ता में आने के बाद पाकिस्तान के साथ उसके संबंध काफी निचले स्तर पर चले गए हैं.
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