बेल्जियम की एक अदालत ने भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है. अदालत ने कि इस वर्ष की शुरुआत में बेल्जियम पुलिस द्वारा की गई चोकसी की गिरफ्तारी जायज थी. हालाँकि, अदालत ने कहा कि मेहुल चोकसी अब भी इस फैसले के खिलाफ उच्चतम अदालत में अपील कर सकता है, जिसका मतलब है कि उसे तुरंत भारत वापस नहीं लाया जा सकेगा.
हालांकि, भारत की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारियों ने बेल्जियम की अदालत के इस फैसले को मेहुल चोकसी की प्रत्यर्पण प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण पहला कदम बताया. भारतीय अधिकारियों के औपचारिक अनुरोध पर, चोकसी को एंटवर्प पुलिस ने 11 अप्रैल, 2025 को गिरफ्तार किया था. तब से वह बेल्जियम की एक जेल में बंद है, जहां उसकी कई जमानत याचिकाएं इस आधार पर खारिज की जा चुकी हैं कि उसके भागने का खतरा है.
भारत में मेहुल चोकसी पर क्या आरोप लगे हैं?
अदालत में सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों, भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले बेल्जियम के अभियोजन पक्ष और चोकसी की कानूनी टीम ने अपनी दलीलें पेश कीं. अदालत ने पाया कि भारत में मेहुल चोकसी पर जिन अपराधों का आरोप है, उनमें आपराधिक षडयंत्र, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात, साक्ष्य नष्ट करना और भ्रष्टाचार शामिल हैं, जो बेल्जियम के कानून के तहत भी दंडनीय अपराध हैं. यह अंतरराष्ट्रीय संधियों के तहत प्रत्यर्पण के लिए आवश्यक ‘दोहरे अपराध’ की शर्त को पूरा करता है.
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भारत ने मेहुल चोकसी पर भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं- 120बी (आपराधिक षड्यंत्र), 201 (साक्ष्यों को गायब करना या गलत जानकारी देना), 409 (आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी), और 477ए (दस्तावेजों में हेराफेरी)- और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 (रिश्वतखोरी) और 13 (आपराधिक कदाचार) के तहत आरोप लगाए हैं. इस मामले में, भारत ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (UNCAC) और अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (UNTOC) का हवाला दिया, जिन दोनों पर बेल्जियम ने हस्ताक्षर किए हैं.
मेहुल चोकसी के लिए जेल में स्पेशल सेल तैयार
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की टीम साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए तीन बार बेल्जियम का दौरा कर चुकी है और इस प्रक्रिया में सहायता के लिए एक यूरोपीय लॉ फर्म को भी हायर किया है. भारत ने बेल्जियम के अधिकारियों को आश्वासन दिया है कि अगर मेहुल चोकसी को प्रत्यर्पित किया जाता है, तो उसे भारत की जेल में मानवीय परिस्थितियों में रखा जाएगा. उसे मुंबई की आर्थर रोड जेल की बैरक संख्या 12 में रखा जाएगा, जो यूरोपियन ह्यूमन राइट्स स्टैंडर्ड का पालन करती है. इस बैरक में उसे स्वच्छ पानी, भोजन, न्यूज पेपर, टेलीविजन और मेडिकल फैसिलिटी उपलब्ध होगी, और उसे एकांत कारावास में नहीं रखा जाएगा.
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भारत ने यह भी कहा कि मेहुल चोकसी अब भारतीय नागरिक है. केंद्रीय एजेंसियों ने नवंबर 2017 में एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता प्राप्त करने के बाद दिसंबर 2018 में भारतीय राष्ट्रीयता त्यागने के उसके दावे को खारिज कर दिया. चोकसी देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में से एक, 13,000 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) धोखाधड़ी मामले में भारत में मोस्ट वांटेड है. केंद्रीय एजेंसियों ने उस पर 2011 से 2018 के बीच धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और धन शोधन का आरोप लगाया है, जिसके बाद वह 2018 की शुरुआत में भारत से भाग गया था. बेल्जियम की अदालत ने यह भी कहा कि मेहुल चोकसी के फिर से देश छोड़कर भाग जाने का वास्तविक खतरा है, और इसलिए उसकी गिरफ्तारी की वैधता बरकरार रखी.
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