Varanasi: धर्मनगरी काशी में हर एक पर्व उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है. वहीं अनेक त्योहारों के साथ काशी की अनेक परंपराएं भी जुड़ी हुई हैं . मान्यता है कि काशी में कोई भी भूख नहीं रहता और मां अन्नपूर्णा उसका भरण पोषण करती हैं.
इसी क्रम में दीपावली के दौरान ही काशी में स्वर्णमयी माँ अन्नपूर्णा का दर्शन मिलता है. और पूरे साल में सिर्फ एक बार यहाँ से भक्तों में खजाने का वितरण किया जाता है.
ब्रह्ममुहूर्त से शुरू हो जाएगा दर्शन
मान्यता है कि काशी में निवास करने वाली मां अन्नपूर्णा पूरे संसार का भरण पोषण करती है और विशेष तौर पर काशी में उनके आशीर्वाद से कोई भी भूख नहीं रहता. वही दीपावली के दौरान माता अन्नपूर्णा के स्वर्णमयी प्रतिमा का दर्शन भी भक्तों को प्राप्त होता है.
इसके अलावा इसी मंदिर से भक्तों के बीच खजाने का भी वितरण किया जाता है. मंदिर के महंत शंकरपुरी ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत के दौरान बताया कि, इस वर्ष धनतेरस के दिन 18 अक्टूबर से माता अन्नपूर्णा के स्वर्णमयी प्रतिमा के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होगा.
इसके अलावा भक्तों में खजाने का भी वितरण किया जाएगा. पूरे दीपावली पर्व यानी 18 अक्टूबर से अगले 5 दिन तक सुबह 5:00 से रात्रि 11:00 तक लोगों को मां अन्नपूर्णा के दर्शन प्राप्ति का सौभाग्य प्राप्त होगा. जबकि 17 अक्टूबर के दिन से ही श्रद्धालु कतार में लगकर अगली सुबह दर्शन करने के लिए तैयार हो चुके हैं.
VIP लोगों के लिए रहेगी यह सुविधा
मंदिर प्रशासन का कहना है कि 5 दिनों तक इस विशेष दर्शन के लिए अनेक जनप्रतिनिधि प्रशासनिक अधिकारी और गणमान्य लोग भी पहुंचते हैं. इस दौरान आम श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो इसलिए उनके लिए शाम 5:00 से 7:00 बजे तक का समय शनिदेव चैनल मार्ग से निर्धारित किया गया है.
इसके अलावा मां अन्नपूर्णा मंदिर में 7 से 8 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया गया है. श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए सीसीटीवी कैमरा और सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है.
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