Pancreatic Cancer Symptoms: पैरों में दिखने वाले ये 4 लक्षण देते हैं कैंसर होने का सिग्नल, हर साल 10 लाख लोगों को बनाते हैं शिकार

Pancreatic Cancer Symptoms: पैरों में दिखने वाले ये 4 लक्षण देते हैं कैंसर होने का सिग्नल, हर साल 10 लाख लोगों को बनाते हैं शिकार


पैनक्रियाटिक कैंसर से डीप वेन थ्रॉम्बोसिस होने का खतरा रहता है. इसमें पैरों या पेल्विस की गहरी नसों में ब्लड क्लॉट बन जाता है, जिससे लेग पेन, स्वेलिंग और रेडनेस जैसी प्रॉब्लम होती हैं.

पैनक्रियाटिक कैंसर से डीप वेन थ्रॉम्बोसिस होने का खतरा रहता है. इसमें पैरों या पेल्विस की गहरी नसों में ब्लड क्लॉट बन जाता है, जिससे लेग पेन, स्वेलिंग और रेडनेस जैसी प्रॉब्लम होती हैं.

कई बार प्रभावित हिस्से की स्किन नॉर्मल से ज्यादा वॉर्म हो जाती है. अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार, कई पेशेंट्स में कैंसर का पहला संकेत यही ब्लड क्लॉट होता है.

कई बार प्रभावित हिस्से की स्किन नॉर्मल से ज्यादा वॉर्म हो जाती है. अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार, कई पेशेंट्स में कैंसर का पहला संकेत यही ब्लड क्लॉट होता है.

अगर क्लॉट टूटकर लंग्स तक पहुंच जाए तो यह पल्मोनरी एम्बोलिज्म बन जाता है. इससे सांस लेने में दिक्कत और चेस्ट पेन होता है. यह जानलेवा कंडीशन है और तुरंत ट्रीटमेंट जरूरी होता है.

अगर क्लॉट टूटकर लंग्स तक पहुंच जाए तो यह पल्मोनरी एम्बोलिज्म बन जाता है. इससे सांस लेने में दिक्कत और चेस्ट पेन होता है. यह जानलेवा कंडीशन है और तुरंत ट्रीटमेंट जरूरी होता है.

एक्सपर्ट्स बताते हैं कि कैंसर ट्रीटमेंट, खासकर कीमोथेरेपी और सर्जरी के बाद कम मूवमेंट से क्लॉट बनने का रिस्क और बढ़ जाता है.

एक्सपर्ट्स बताते हैं कि कैंसर ट्रीटमेंट, खासकर कीमोथेरेपी और सर्जरी के बाद कम मूवमेंट से क्लॉट बनने का रिस्क और बढ़ जाता है.

कैंसर के अलावा भी जेनेटिक कंडीशन, हार्मोन थेरेपी, कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स, वैरिकोज़ वेन्स, ओबेसिटी, स्मोकिंग और उम्र बढ़ने से क्लॉट का खतरा ज्यादा होता है.

कैंसर के अलावा भी जेनेटिक कंडीशन, हार्मोन थेरेपी, कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स, वैरिकोज़ वेन्स, ओबेसिटी, स्मोकिंग और उम्र बढ़ने से क्लॉट का खतरा ज्यादा होता है.

पैनक्रियाटिक कैंसर तब होता है जब पैनक्रियास की सेल्स कंट्रोल से बाहर बढ़कर ट्यूमर बना देती हैं. शुरुआती स्टेज में यह स्कैन में नहीं दिखता और कई ड्रग्स के प्रति रेजिस्टेंट होता है.

पैनक्रियाटिक कैंसर तब होता है जब पैनक्रियास की सेल्स कंट्रोल से बाहर बढ़कर ट्यूमर बना देती हैं. शुरुआती स्टेज में यह स्कैन में नहीं दिखता और कई ड्रग्स के प्रति रेजिस्टेंट होता है.

इसके सिम्पटम्स में जॉन्डिस, डार्क यूरिन, लाइट स्टूल, पेट या बैक पेन, थकान, स्किन इचिंग, नॉजिया, ब्लोटिंग, भूख कम लगना, वेट लॉस और डायबिटीज शामिल हैं.

इसके सिम्पटम्स में जॉन्डिस, डार्क यूरिन, लाइट स्टूल, पेट या बैक पेन, थकान, स्किन इचिंग, नॉजिया, ब्लोटिंग, भूख कम लगना, वेट लॉस और डायबिटीज शामिल हैं.

Published at : 20 Oct 2025 06:35 PM (IST)



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