सासाराम विधानसभा से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रत्याशी सत्येंद्र साह को नामांकन के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है. सत्येंद्र साह सासाराम अनुमंडल कार्यालय में नामांकन दाखिल करने पहुंचे थे, लेकिन नामांकन प्रक्रिया पूरी होते ही पुलिस ने झारखंड के गढ़वा थाना क्षेत्र के वर्ष 2004 के एक पुराने डकैती मामले में जारी स्थाई वारंट के आधार पर उन्हें हिरासत में ले लिया.
गिरफ्तारी से सासाराम की राजनीति में तेज हलचल मची है और राजद समर्थकों में आक्रोश फैल गया है. पुलिस ने सत्येंद्र साह को झारखंड पुलिस के हवाले कर दिया है, जो उन्हें गढ़वा कोर्ट में पेश करेगी. सत्येंद्र साह करगहर थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं और उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं.
वर्ष 2010 में सत्येंद्र साह ने कांग्रेस (जे) के टिकट से चुनाव लड़ा था और कुछ वर्ष पहले उन्होंने अपनी पत्नी को नगर निगम सासाराम से मेयर चुनाव में उतारा था. इस बार राजद ने वर्तमान विधायक राजेश गुप्ता का टिकट काटकर सत्येंद्र साह को उम्मीदवार बनाया था.
भारी पुलिस सुरक्षा के बीच की गई गिरफ्तारी
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नामांकन के दौरान भारी पुलिस सुरक्षा के बीच गिरफ्तारी की गई, जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई. राजद समर्थक इसे राजनीतिक साजिश करार दे रहे हैं और इस गिरफ्तारी को चुनावी रणनीति को प्रभावित करने वाला कदम बता रहे हैं. हालांकि पुलिस ने साफ किया है कि यह कार्रवाई न्यायालय के आदेश के तहत की गई है और चुनाव से इसका कोई लेना-देना नहीं है.
राजद के सामने नई चुनौती!
यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब बिहार विधानसभा चुनाव का दूसरे चरण का नामांकन चल रहा है. सत्येंद्र साह की गिरफ्तारी ने राजद की चुनावी रणनीति को झटका दिया है और अब पार्टी के सामने कोई वैकल्पिक उम्मीदवार बनाने की चुनौती है. या यह भी देखना होगा कि क्या सत्येंद्र साहा को पार्टी अपने उम्मीदवार के तौर पर बरकरार रखती है.
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