बेटे का दुख केवल पिता ही समझ सकता है. लेकिन जब वही बेटा इस दुनिया से चला जाए, तो यह पीड़ा बेहिसाब और अकल्पनीय हो जाती है. पंजाब के पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा ने हाल ही में अपने इकलौते बेटे की मौत पर अपनी भावनाएं और परिवार की 18 साल से चली आ रही जद्दोजहद को बेबाकी के साथ साझा किया.
गहरे दुख में पिता की मजबूरी
मुस्तफा ने कहा, देखिए, एक बेटे की मौत का गम केवल बेटे वाला ही समझ सकता है. मेरा बेटा मेरा इकलौता था, 35 साल का. इतने बड़े दुख में, मैंने छह-सात दिन तक किसी का कॉल रिसीव नहीं किया. न बड़े नेताओं का, न अफसरों का. मैं बस अपने बेटे की यादों और उस सदमे में उलझा रहा. इसी दौरान कुछ लोग मेरे जख्मों पर नमक छिड़कने का काम कर रहे थे, लेकिन मैं डरने वाला नहीं हूं. अब मैंने अपने अंदर के पिता और सोल्जर को जगा लिया है, सच सबके सामने आएगा.
बेटे की ड्रग की लत और मानसिक स्वास्थ्य
मुस्तफा ने अपने बेटे की 18 साल से चल रही ड्रग की लत का दर्दनाक इतिहास साझा किया. उन्होंने बताया, 2006 में मेरे बेटे ने स्कूल के दौरान सॉफ्ट ड्रग्स लेना शुरू किया, फिर हीरोइन, और अंत में 2024 में आईस तक पहुंच गया. मनाली में एसिड के प्रयोग ने उसके दिमाग और शरीर को और नुकसान पहुंचाया. कई बार उसने सुधार की कोशिश की, लेकिन मानसिक और शारीरिक जटिलताओं ने उसे हर बार पीछे धकेला. उन्होंने बताया कि बेटे की मानसिक स्थिति कभी-कभी साइकॉटिक लक्षण भी दिखाती थी. उसके दिमाग में ऐसी चीजें घटित होती थीं जो वास्तव में नहीं होतीं. यह सिर्फ ड्रग्स की लत की कहानी नहीं है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और परिवार के संघर्ष की कहानी भी है.
वायरल वीडियो और राजनीतिक खेल
मुस्तफा ने बेटे की वायरल वीडियो का भी हवाला दिया. 27 अगस्त की वीडियो बेटे ने अपलोड की थी और दो घंटे बाद डिलीट कर दी थी. लेकिन कुछ लोग, जो हमारे खिलाफ सियासी खेल खेल रहे थे, उन्होंने इसे डाउनलोड कर लिया. 8 अक्टूबर की दूसरी वीडियो में बेटे की मानसिक अस्थिरता साफ दिखाई देती है. इसमें वह अपनी बहन से माफी मांग रहा था. यह सिर्फ एक वीडियो नहीं, बल्कि 18 साल की पीड़ा और मानसिक जटिलताओं का ऐतिहासिक दस्तावेज है.
घर में हुई गंभीर घटनाओं का हवाला
मुस्तफा ने घर में हुए कई खतरनाक और दुखद घटनाओं का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि 2019 में कमरे में आग लगा दिया था. एक बार बहू को कमरे में बंद कर दिया. कई बार स्टाफ और परिवार पर हिंसक व्यवहार किया. उन्होंने स्पष्ट किया कि इसके बावजूद परिवार ने हमेशा प्यार और सहानुभूति दिखाई. कई बार पुलिस शिकायतें दर्ज करवाई गईं और समाधान की कोशिश हुई. मुस्तफा का कहना है, मेरे परिवार का चरित्र ऊंचा है, और उन पर लगाए जा रहे गंभीर आरोप केवल राजनीतिक प्रेरित हैं.
परिवार का चरित्र और प्रेम
मुस्तफा ने परिवार की मर्यादा और बहादुरी की सार्वजनिक पैरवी करते हुए कहा, मेरी पत्नी 25 साल से सियासत में हैं और उन्होंने हमेशा सच्चाई और न्याय के लिए खड़ा रहना सीखा है. मेरी बेटी और बहू का चरित्र हर मां-बाप के लिए आदर्श है. मेरे बेटे की गलतियों के बावजूद हमने उसे हमेशा समझा और उसकी देखभाल की. बेटा बेटा ही होता है, हर गलती माफ होती है.
एसआईटी जांच का स्वागत और कानून में विश्वास
मुस्तफा ने SIT जांच का स्वागत किया और कहा, मैं कानून और जांच के प्रति पूरी तरह से सहयोग करूंगा. जो भी सच सामने आएगा, उसे स्वीकार करेंगे. यदि कोई झूठ फैला कर मेरे परिवार को नुकसान पहुंचाया, तो कार्रवाई कड़ी होगी. मेरी बेटी, पत्नी और बहू का चरित्र पवित्र है, और मेरे बेटे की मासूमियत और संघर्ष को दुनिया को समझना चाहिए.
सुरक्षा व्यवस्था और परिवार का संघर्ष
मुस्तफा ने बताया कि उनके घर में सुरक्षा और निगरानी की विशेष व्यवस्था थी. 10 से 20 पुलिस और 8-10 स्टाफ 24 घंटे रहते थे. चार महिलाएं स्थायी काम करती थीं. हर कमरे में सिक्योरिटी गिलास लगा हुआ था. इसके बावजूद बेटे ने कई बार हिंसक व्यवहार किया. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम उसे अपराधी मानते. हमने हमेशा उसे समझने और सुधारने की कोशिश की. यह 18 साल का संघर्ष केवल मेरे बेटे का नहीं, बल्कि पूरे परिवार का था.
सच सामने आएगा
मुस्तफा ने स्पष्ट किया, हमारे ऊपर लगाए जा रहे झूठे आरोप, वीडियो और सोशल मीडिया पर प्रचार केवल राजनीतिक खेल हैं. मेरे परिवार ने हमेशा सच्चाई, प्यार और सहानुभूति के साथ यह चुनौती झेली है. हम अब भी जांच और कानून के साथ खड़े हैं. बेटा बेटा ही होता है. जो भी सच सामने आएगा, उसे स्वीकार करेंगे.
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