छठ पर नहीं जा पा रहे बिहार तो कैसे करें पूजा? जान लें बेहद आसान तरीका

छठ पर नहीं जा पा रहे बिहार तो कैसे करें पूजा? जान लें बेहद आसान तरीका


अगर आपके घर के पास कोई तालाब या नदी नहीं है, तो आप अपने घर की छत या आंगन को ही एक छोटा-सा छठ घाट बना सकते हैं.  इसके लिए आप ईंटों से एक छोटा घेरा बनाकर उसमें पानी भरें. आप चाहें तो सीमेंट का छोटा कुंड भी बनवा सकते हैं. कई लोग बच्चों के प्लास्टिक टब का भी यूज करते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि प्लास्टिक का बहुत ज्यादा यूज  न हो क्योंकि छठ में प्लास्टिक को वर्जित माना गया है.

अगर आपके घर के पास कोई तालाब या नदी नहीं है, तो आप अपने घर की छत या आंगन को ही एक छोटा-सा छठ घाट बना सकते हैं. इसके लिए आप ईंटों से एक छोटा घेरा बनाकर उसमें पानी भरें. आप चाहें तो सीमेंट का छोटा कुंड भी बनवा सकते हैं. कई लोग बच्चों के प्लास्टिक टब का भी यूज करते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि प्लास्टिक का बहुत ज्यादा यूज न हो क्योंकि छठ में प्लास्टिक को वर्जित माना गया है.

अगर आपके घर का आंगन कच्चा है तो आप वहां खुदाई करके एक छोटा गड्ढा बना सकते हैं और उसमें साफ जल भर सकते हैं. यह छोटा-सा जलकुंड सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए अच्छा होता है. जब आप उसमें खड़े होकर अर्घ्य देंगे, तो वही भाव और भक्ति सूर्य देव तक पहुंचेगी, जो घाट पर होती है.

अगर आपके घर का आंगन कच्चा है तो आप वहां खुदाई करके एक छोटा गड्ढा बना सकते हैं और उसमें साफ जल भर सकते हैं. यह छोटा-सा जलकुंड सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए अच्छा होता है. जब आप उसमें खड़े होकर अर्घ्य देंगे, तो वही भाव और भक्ति सूर्य देव तक पहुंचेगी, जो घाट पर होती है.

छठ पूजा में अर्घ्य देना सबसे अहम होता है. अर्घ्य देने के लिए एक तांबे या पीतल के लोटे में साफ जल, थोड़ा गुड़ और गंगाजल मिलाकर रखें फिर सूर्य को देखकर हाथ जोड़कर अर्घ्य अर्पित करें, एक अर्घ्य शाम को सूर्यास्त के समय और दूसरा अर्घ्य सुबह सूर्योदय के समय दिया जाता है.

छठ पूजा में अर्घ्य देना सबसे अहम होता है. अर्घ्य देने के लिए एक तांबे या पीतल के लोटे में साफ जल, थोड़ा गुड़ और गंगाजल मिलाकर रखें फिर सूर्य को देखकर हाथ जोड़कर अर्घ्य अर्पित करें, एक अर्घ्य शाम को सूर्यास्त के समय और दूसरा अर्घ्य सुबह सूर्योदय के समय दिया जाता है.

छठ पूजा के लिए विशेष पूजा सामग्री की जरूरत होती है, जैसे ठेकुआ, सफेद नए कपड़े, फलों की टोकरी, पूजा की सूप और डलिया, लाल और पीला सिंदूर,अगरबत्ती, दीपक और मिट्टी के दीये. इन सारी चीजों को साफ-सुथरे तरीके से सजाकर पूजा की थाली में रखें.

छठ पूजा के लिए विशेष पूजा सामग्री की जरूरत होती है, जैसे ठेकुआ, सफेद नए कपड़े, फलों की टोकरी, पूजा की सूप और डलिया, लाल और पीला सिंदूर,अगरबत्ती, दीपक और मिट्टी के दीये. इन सारी चीजों को साफ-सुथरे तरीके से सजाकर पूजा की थाली में रखें.

छठ पूजा में शुद्ध खाने का विशेष ध्यान रखा जाता है. व्रत वाले लोगों को पूजा के चारों दिन लहसुन-प्याज रहित भोजन करते हैं और खाने में ताजगी का ध्यान रखते हैं. घर की सफाई अच्छे से करें, बर्तन और कपड़े पूरी तरह से साफ हों. पूजा स्थान पर किसी भी तरह की गंदगी न होने दें.

छठ पूजा में शुद्ध खाने का विशेष ध्यान रखा जाता है. व्रत वाले लोगों को पूजा के चारों दिन लहसुन-प्याज रहित भोजन करते हैं और खाने में ताजगी का ध्यान रखते हैं. घर की सफाई अच्छे से करें, बर्तन और कपड़े पूरी तरह से साफ हों. पूजा स्थान पर किसी भी तरह की गंदगी न होने दें.

अगर आप घाट नहीं जा पा रहे हैं, तो सुबह और शाम घर के छत या आंगन से उगते और डूबते सूर्य को देखकर पूजा करें. भगवान सूर्य को जल अर्पित करें और अपने परिवार की सुख-शांति और हेल्थ की कामना करें.

अगर आप घाट नहीं जा पा रहे हैं, तो सुबह और शाम घर के छत या आंगन से उगते और डूबते सूर्य को देखकर पूजा करें. भगवान सूर्य को जल अर्पित करें और अपने परिवार की सुख-शांति और हेल्थ की कामना करें.

Published at : 23 Oct 2025 08:27 AM (IST)



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