पहली बार रख रही हैं छठ व्रत तो इन बातों का रखें ध्यान, वरना हो जाएगी दिक्कत

पहली बार रख रही हैं छठ व्रत तो इन बातों का रखें ध्यान, वरना हो जाएगी दिक्कत


छठ की शुरुआत नहाय-खाय से होती है. इस व्रत में हर दिन अलग-अलग प्रसाद बनाया जाता है और भगवान को चढ़ाया जाता है. इसे बनाते वक्त भी साफ-सफाई का खास ख्याल रखा जाता है.

छठ की शुरुआत नहाय-खाय से होती है. इस व्रत में हर दिन अलग-अलग प्रसाद बनाया जाता है और भगवान को चढ़ाया जाता है. इसे बनाते वक्त भी साफ-सफाई का खास ख्याल रखा जाता है.

ऐसे में अगर आप पहली बार छठ का व्रत कर रही हैं तो ये जरूर जान लीजिए कि इस व्रत में किन चीजों का खास ख्याल रखा जाता है और किन चीजों से परहेज किया जाता है.

ऐसे में अगर आप पहली बार छठ का व्रत कर रही हैं तो ये जरूर जान लीजिए कि इस व्रत में किन चीजों का खास ख्याल रखा जाता है और किन चीजों से परहेज किया जाता है.

छठ के व्रत की तैयारी करते समय सारी सामग्री पहले से ही लाकर रखें ताकि बाद में कुछ छूट न जाए. किचेन और चूल्हे की अच्छे से सफाई करना भी जरूरी है. साथ ही, सूप भी पहले से ही रख लें और अगर न मिले तो कोई स्टील का बर्तन लेकर उसे अच्छे से साफ कर लें.

छठ के व्रत की तैयारी करते समय सारी सामग्री पहले से ही लाकर रखें ताकि बाद में कुछ छूट न जाए. किचेन और चूल्हे की अच्छे से सफाई करना भी जरूरी है. साथ ही, सूप भी पहले से ही रख लें और अगर न मिले तो कोई स्टील का बर्तन लेकर उसे अच्छे से साफ कर लें.

इस व्रत में कपड़ों को लेकर भी खास नियम होते हैं. इस दौरान व्रत रखने वाली महिला को कोई भी फॉल या पीको की हुई साड़ी नहीं पहननी होती है. उनके कपड़े में किसी भी सुईं-धागे का इतएमाल नहीं होना चाहिए.

इस व्रत में कपड़ों को लेकर भी खास नियम होते हैं. इस दौरान व्रत रखने वाली महिला को कोई भी फॉल या पीको की हुई साड़ी नहीं पहननी होती है. उनके कपड़े में किसी भी सुईं-धागे का इतएमाल नहीं होना चाहिए.

छठ का प्रसाद बनाते वक्त बिना लहसुन-प्याज के खाना बनाना होता है. इस दौरान तला, भुना और तेज मसाले वाला खाना भी नहीं खाया जाता है. साथ ही, जो इंसान व्रत करता है, उसको ही प्रसाद भी तैयार करना होता है.

छठ का प्रसाद बनाते वक्त बिना लहसुन-प्याज के खाना बनाना होता है. इस दौरान तला, भुना और तेज मसाले वाला खाना भी नहीं खाया जाता है. साथ ही, जो इंसान व्रत करता है, उसको ही प्रसाद भी तैयार करना होता है.

इसके अलावा खरना की शाम को गुड़ की खीर बनानी होती है. इसके बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू होता है. इसमें एक बूंद पानी भी नहीं पीना होता है.

इसके अलावा खरना की शाम को गुड़ की खीर बनानी होती है. इसके बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू होता है. इसमें एक बूंद पानी भी नहीं पीना होता है.

छठ के व्रत के समय अपनी सेहत का भी खास ख्याल रखें. पहली बार व्रत करने पर आपको चक्कर और कमजोरी हो सकती है. ऐसे में काम न करे, ज्यादा आराम करें और कंडीशन खड़ा खराब होने पर डॉक्टर को दिखाएं.

छठ के व्रत के समय अपनी सेहत का भी खास ख्याल रखें. पहली बार व्रत करने पर आपको चक्कर और कमजोरी हो सकती है. ऐसे में काम न करे, ज्यादा आराम करें और कंडीशन खड़ा खराब होने पर डॉक्टर को दिखाएं.

प्रेगनेंट महिलाएं छठ का निर्जला व्रत नहीं रख सकती हैं लेकिन वह नहाय-खाय और खरना के दिन वाला सात्विक भोजन खा सकती हैं और हल्का व्रत रख सकती हैं.

प्रेगनेंट महिलाएं छठ का निर्जला व्रत नहीं रख सकती हैं लेकिन वह नहाय-खाय और खरना के दिन वाला सात्विक भोजन खा सकती हैं और हल्का व्रत रख सकती हैं.

साथ ही छठ के दौरान कुछ चुनिंदा फल चढ़ाना जरूरी होता है. ऐसे में इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि कौनसे फल चढ़ाए जाने हैं. छठ पूजा में केला, नारियल, सेब और खजूर जरूर चढ़ाए जाते हैं.

साथ ही छठ के दौरान कुछ चुनिंदा फल चढ़ाना जरूरी होता है. ऐसे में इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि कौनसे फल चढ़ाए जाने हैं. छठ पूजा में केला, नारियल, सेब और खजूर जरूर चढ़ाए जाते हैं.

Published at : 23 Oct 2025 09:30 AM (IST)



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