हिंद महासागर को क्या बोलते हैं पाकिस्तान वाले? – indian ocean name in pakistan boundaries history naming controversy hind mahasagar pvpw

हिंद महासागर को क्या बोलते हैं पाकिस्तान वाले? – indian ocean name in pakistan boundaries history naming controversy hind mahasagar pvpw


What Indian Ocean Called In Pakistan: पाकिस्तान की सीमा भी उसी महासागर से लगती है, जिसका नाम भारत के नाम पर रखा गया है ‘हिंद महासागर’. इसे अलावा यह महासागर ईरान, बांग्लादेश, म्यांमार, अफ्रीका के मिस्र, केन्या, मेडागास्कर और ऑस्ट्रेलिया भी हिंदी महासागर का हिस्सा हैं. लोगों के मन में कई बार यह सवाल भी आता है कि क्या पाकिस्तान के लोग भी इसे हिंद महासागर ही कहते हैं?

इस बात का जवाब है हां. पाकिस्तान और अन्य देशों में इस महासागर को इंडियन ओशियन ही कहा जाता है. हालांकि, ऐसा नहीं है कि पाकिस्तान की तरफ से इस बात पर कभी आपत्ति ना जताई गई है. 1960 और 1970 के दशक में, पाकिस्तान ने हिंद महासागर का नाम बदलकर अफ्रीकी-एशियाई महासागर, पूर्वी महासागर या मुस्लिम महासागर रखने के लिए वैश्विक समर्थन मांगा था. हालांकि, इस नाम को बदलने के पीछे पहली आपत्ति पाकिस्तान की तरफ से नहीं बल्कि इंडोनेशिया से आई थी. 

कई बार नाम बदलने की अपील

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई 1963 में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो चाहते थे कि उनकी नौसेना हिंद महासागर को इंडोनेशियाई महासागर कहे. उनके नौसेना प्रमुख एडी मार्टिनाटा ने इस आशय का एक आदेश भी जारी किया था. मार्टाडिनाटा बाद में पाकिस्तान में इंडोनेशिया के राजदूत बने, लेकिन इस बात का कोई प्रमाण मौजूद नहीं है कि पाकिस्तानी नौसेना ने कभी इस शब्द का इस्तेमाल किया हो.

लेकिन यह विवाद 1980 के दशक तक चलता रहा. 1988 में सरकारी अख़बार “पाकिस्तान टाइम्स” (जो अब बंद हो चुका है) ने एक लेख में “हिंद महासागर” नाम को गलत बताते हुए उसकी कड़ी आलोचना की थी. अखबार में लिखा गया था कि “खुद को भारत कहने से ऐसा लगता है कि यह देश उपमहाद्वीप के पूरे इतिहास का उत्तराधिकारी बन गया है.”

indian ocean

द प्रिंट पर छपी खबर के अनुसार, अख़बार ने यह भी तर्क दिया कि अगस्त 1947 में भारत का विभाजन हो गया था और उसके बाद “पाकिस्तान और बांग्लादेश के बाहर जो कुछ बचा था उसे भारत कहा जाना चाहिए” पाकिस्तानी रणनीतिकारों के इस महासागर का नाम क्या रखा जाए, इस बारे में कुछ और भी विचार थे.

जैसे 1971 में जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में आयोजित एक सेमिनार में, पाकिस्तानी अंतर्राष्ट्रीय मामलों के संस्थान के लतीफ़ अहमद शेरवानी ने “अफ़्रो एशियन ओशन” नाम रखने की वकालत की थी. अपने तर्क को पुष्ट करने के लिए, उन्होंने भूमध्य सागर के साथ तुलना करते हुए कहा कि इटली के तट पर प्रमुख स्थान होने के बावजूद इसे इटैलियन सागर नहीं कहा जाता. इसी तरह, उन्होंने तर्क दिया कि इस महासागर का नाम भारत के नाम पर नहीं रखा जाना चाहिए.

हालांकि, ऐसा लगता है कि यह मुद्दा भारत के पक्ष में पूरी तरह से सुलझा लिया गया है, जिससे यह दुनिया का एकमात्र ऐसा देश बन गया है जिसके नाम पर एक महासागर का नाम रखा गया है. इनमें से कोई नाम आधिकारिक रूप से स्वीकार नहीं किया गया, इसलिए आज भी पाकिस्तान में इसे Indian Ocean ही कहा जाता है.

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