
लेकिन क्या आप जानते हैं कि छठ पूजा में हर कोई फल नहीं चढ़ाया जाता है. इसमें कुछ खास फल ही चढ़ाए जाते हैं. साथ ही, इस बात का बेहद ख्याल रखना होता है कि पूजा में इस्तेमाल हो रहे फल कैसे है.

ऐसे में आइए आपको बताते हैं कि छठ पूजा के दौरान कौनसे फल नहीं चढ़ाए जाते हैं और किन चीजों से परहेज करना चाहिए और क्यों?

छठ में कभी भी कटे हुए फल या चिले हुए फल नहीं चढ़ाए जाते हैं. इसमें हमेशा पूरे फल को प्रसाद के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि कटा हुआ या चिला हुआ फल अशुद्ध माना जाता है जबकि इस व्रत में शुद्धता काफी जरूरी होती है.

इस व्रत में काला अंगूर भी नहीं चढ़ाया जाता है क्योंकि मन जाता है कि ये तामसी फल होता है. साथ ही इसका रंग कला होने के कारण इसका नेचर भी तामसी मन जाता है. छठ में सूर्य देव की पूजा करते हैं और ये इसके बिल्कुल उल्टा है, इसलिए इसे व्रत में नहीं चढ़ाते.

छठ के व्रत में बिना छिलके वाले नारियल को भी नहीं चढ़ाया जाता है. अगर नारियल का इस्तेमाल किया जाता है तो बिना उसका छिलका उतारे ही किया जाता है.

इसके अलावा इस व्रत में आप कटे हुए सेब या पॉलिश सेब को भी नहीं रख सकते हैं क्योंकि ये नेचुरल नहीं होता है और मिलावटी होता है. ऐसे में ये शुद्ध नहीं होता और आर्टिफिशियल होने के कारण नहीं चढ़ाया जाता है.

छठ पूजा में कोई भी बाहरी या विदेशी फल जैसे कीवी एवोकाडो या स्ट्रॉबेरी नहीं चढ़ाते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि छठ पूजा भारत और बिहार के कल्चर और आस्था का प्रतीक है जबकि विदेशी फल इसके विपरीत हैं. इसलिए इसमें केवल यहां मिलने वाले फ्रूट्स ही चढ़ाते हैं.
Published at : 23 Oct 2025 10:14 AM (IST)