
कई लोग वर्क लाइफ बैलेंस की हिमायत करते हैं और कहते हैं कि घर और प्रोफेशनल लाइफ दोनों को प्रॉपर टाइम देना जरूरी होता है, तभी इंसान अच्छी जिंदगी जीने के साथ सक्सेसफुल भी हो सकता है. ऐसे में कई बड़े सक्सेसफुल लोग इस बात को रिजेक्ट करते हैं. आइए जानते हैं कौन लोग करते हैं इस थ्योरी को रिजेक्ट.

इन्फोसिस कम्पनी के को-फाउंडर नारायण मूर्ति भी एक हफ्ते में 70 घंटे काम करने की वकालत करते हैं. उनका मानना है कि ग्लोबली कंपीट करने के लिए इंडिया को हार्ड वर्क के लिए तैयार हो जाना चाहिए. ऐसे में अपनी पर्सनल लाइफ भी छोड़नी पड़ सकती है.

स्पेस एक्स और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क भी इस लिस्ट में शामिल हैं, जो वर्क लाइफ बैलेंस के आइडिया को रिजेक्ट करते हैं. इसके बजाय मस्क एक्स्ट्रा घंटे काम करने के आइडिया को प्रमोट करते हैं.

इंडियन अमेरिकन बिजनेस प्रोफेशनल इंदिरा नूई को भी उनकी एक्स्ट्राऑर्डिनरी अचीवमेंट के लिए जाना जाता है. एक इंटरव्यू के दौरान इंदिरा नूई कहती हैं कि वर्क लाइफ बैलेंस सिर्फ एक मिथ है. ये आपकी प्रायोरिटी के हिसाब से तय किया जाता है कि आपके लिए क्या ज्यादा जरूरी है.

बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के पास आज किसी चीज की कमी नहीं है. उन्हें ये सब अपनी जी तोड़ मेहनत और हार्ड वर्क के दम पर मिला है. शाहरुख कहते हैं कि आराम हराम है, क्योंकि अपना नाम बनाने के लिए शाहरुख ने भी अपनी पर्सनल लाइफ और आराम दोनों को कुर्बान किया.

दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में शामिल जेफ बेजोस भी वर्क लाइफ बैलेंस के आइडिया को रिजेक्ट करते हैं. इसके बजाय वह वर्क लाइफ हारमनी में बिलीव करते हैं.

साने ताकाइची ने हाल ही में जापान की पहली विमेन पीएम बनकर इतिहास रचा है. 64 साल की ताइची का मानना है कि रेंटलेस डेडिकेशन और प्रिजर्वेंस के दम पर ही सफलता मिलती है. वह वर्क लाइफ बैलेंस को पूरी तरह नकार देती हैं.
Published at : 24 Oct 2025 08:15 AM (IST)