
सुसाइड का ख्याल अक्सर तब आता है जब इंसान को लगता है कि उसकी परेशानियों का कोई अंत नहीं है और दर्द से निकलने का कोई रास्ता नहीं है. लेकिन सच यह है कि समय के साथ हर मुश्किल आसान हो जाती है और हर अंधेरे के बाद उजाला जरूर आता है.

अगर आपके मन में ऐसे विचार आ रहे हैं तो सबसे पहले चुप मत रहिए. किसी भरोसेमंद दोस्त, परिवार के सदस्य या फिर काउंसलर से खुलकर अपनी बात साझा कीजिए. बात करने से मन का बोझ हल्का होता है और समाधान के रास्ते निकलने लगते हैं.

मन को शांत करने के लिए ध्यान और मेडिटेशन का सहारा लीजिए. रोजाना कुछ समय खुद के लिए निकालकर गहरी सांस लेने और पॉजिटिव सोचने की आदत डालिए. यह छोटी-सी कोशिश आपके दिमाग और दिल दोनों को हल्का करने में मदद करेगी.

कोशिश करें कि आप ऐसे माहौल और लोगों से दूर रहें जो आपको निराश करते हों. इसके बजाय संगीत सुनें, किताबें पढ़ें या फिर कोई शौक पूरा करें. जब आप ऐसी चीजों में मन लगाएंगे जो आपको खुशी देती हैं तो धीरे-धीरे नकारात्मक विचार कमजोर पड़ने लगेंगे.

हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना भी बहुत जरूरी है. पर्याप्त नींद लेना, समय पर खाना खाना और शरीर को एक्टिव रखना मन और शरीर दोनों को संतुलित करता है. थकान और भूख से डिप्रेशन और नेगेटिव सोच और ज्यादा बढ़ सकती है.

हमेशा याद रखिए कि आपकी जिंदगी अनमोल है. आपके परिवार और दोस्तों के लिए आप बहुत मायने रखते हैं. साथ ही आपके सपने और आपकी मेहनत इस बात का सबूत हैं कि आपको अभी बहुत कुछ हासिल करना है.

अगर हालात बहुत गंभीर लग रहे हों और आप खुद को संभाल नहीं पा रहे हों तो तुरंत किसी हेल्पलाइन, डॉक्टर या काउंसलर से मदद लीजिए. मदद मांगना कमजोरी नहीं बल्कि आपकी हिम्मत और जिंदगी के प्रति आपके विश्वास की निशानी है. जिंदगी हमेशा जीने लायक होती है और इसका हर पल अनमोल है.
Published at : 11 Sep 2025 12:34 PM (IST)