भले सिंह ने सनसिटी सिनेमा से भारत-पाक मैच ना दिखाने की अपील की है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद आज पहली बार भारत और पाकिस्तान के बीच दुबई में क्रिकेट मैच खेला जाएगा। लेकिन मैच शुरू होने से पहले ही हरियाणा के हिसार में इसका विरोध शुरू हो गया है।
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ये विरोध शुरू किया है ऑपरेशन सिंदूर के समय एयर डिफेंस सिस्टम(S-400) संभाल चुके हिसार के सेवानिवृत्त सार्जेंट भले सिंह ने। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भले सिंह को राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार ‘मेंशन इन डिस्पैच’ से भी सम्मानित किया गया था।
दरअसल, भले सिंह को जब पता लगा कि आज होने वाला भारत-पाक का मैच हिसार के सिनेमा हॉल सनसिटी में लाइव दिखाया जाएगा तो उन्होंने सिनेमा हॉल के मालिक को फोन किया और मैच का लाइव प्रसारण ना दिखाने के लिए कहा।
भले सिंह और सिनेमा हॉल के मालिक के बीच हुई बातचीत का एक ऑडियो भी सामने आया है, जिसमें भले सिंह मैच का विरोध करते हुए सुनाई दे रहे हैं। इस बातचीत में ही सनसिटी के मैनेजर करण ने भले सिंह की बात मान ली और वादा किया की वो इस मैच को अपने सिनेमा हॉल में नहीं दिखाएंगे। पढ़िए पूरी बातचीत…

वायुसेना में भी कई ऑपरेशन को अंजाम दे चुके हैं भले सिंह।
भले सिंह और सनसिटी थियेटर के मैनेजर के बीच हुई ये बातचीत…
भले सिंह: हांजी सर, कल सनसिटी में मैच है। मैनेजर : अभी मैच का कन्फर्मेशन आना बाकी है। शाम तक कन्फर्मेशन आ जाएगी।
भले सिंह : सर 2 मिनट मेरी बात सुनोगे आप? मैनेजर: हां, जी बोलिए।
भले सिंह : मैं ऑपरेशन सिंदूर में रहा हूं और मैं राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार विजेता हूं। मेरा नाम भी आप सर्च कर लेना। मैनेजर : ठीक है जी।
भले सिंह : आपको नहीं लगता क्या सर, कि भारत-पाकिस्तान का मैच नहीं होना चाहिए। मैनेजर : देखिए सर, हमारे पास एशिया कप का राइट्स आता है।
भले सिंह : सर, मेरे साथ का बंदा है जो शहीद हुआ था, उनके घरवालों के फोन आए थे मेरे पास। मैं आपको अपना नाम बता देता हूं आप एक बार गूगल कर लो। मेरा नाम सार्जेंट भले सिंह है आप पहले गूगल कर लो। मैनेजर : बिल्कुल होंगे सर, मैं इस बात को स्वीकार करता हूं, मैं आपकी रिस्पेक्ट करता हूं।
भले सिंह : सर, मैं S-400 की यूनिट में था, जिसने 6 जहाज मारे थे। मेरे को राष्ट्रपति के द्वारा वीरता पुरस्कार मिला है। मैनेजर : सर, हमें आप पर गर्व है।
भले सिंह : आपका बहुत-बहुत धन्यवाद, मैं आपकी मजबूरी समझता हूं, लेकिन आज जब मैंने एक पोस्ट देखी सनसिटी की। सनसिटी 2006 से जब से खुली है मैं कई फिल्में देख चुका हूं। मैंने जोधा-अकबर मूवी 4 बार देखी है। वो कहते हैं ना फीलिंग हर्ट होना। मैं हर्ट हुआ हूं सर। मैनेजर : चलो सर, हमारा आपसे वादा रहा, राइट्स मिले या ना मिले, हम मैच नहीं दिखाएंगे।
भले सिंह : सर प्लीज, मेरी हाथ जोड़कर रिक्वेस्ट है। मैनेजर : इसमें रिक्वेस्ट की कोई बात नहीं है सर, अपने शान की बात कही है। हम मैच टेलीकास्ट नहीं करेंगे।
भले सिंह : बहुत-बहुत धन्यवाद है सर आपका। मैनेजर : आपका फोन आया मुझे बहुत अच्छा लगा सर।
भले सिंह : आप चाहे मेरा नाम सर्च कर लेना आपको सब जगह मिल जाएगा। मैनेजर : सर हमें आप पर गर्व हैं, और हम जो भी हैं आप लोगों की वजह से ही हैं। मैं प्रसारण नहीं करवाऊंगा।
भले सिंह : बहुत-बहुत धन्यवाद, अगर ऐसा होता है तो मैं समझूंगा कि मेरा एक प्रयास काम आया। मेरा गलत इंटेंशन नहीं है। मैं खुद एक क्रिकेटर रह चुका हूं। मैनेजर : मुझे खेद है हमारी वजह से ऐसा हुआ। मैं पोस्ट को डिलीट करवाता हूं और टेलीकास्ट भी नहीं होगा।
भले सिंह : बहुत-बहुत धन्यवाद।

भले सिंह का जून, 2025 में रिटायरमेंट हो गया था…
- मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले, 35 साल से हिसार में रह रहे : मूल रूप से राजस्थान के चुरू जिले के सिद्धमुख हंसियावास गांव के रहने वाले भले सिंह का परिवार पिछले 35 वर्षों से हिसार जिले के रावलवास खुर्द गांव में रह रहा है। भले सिंह बताते हैं कि मेरे पड़दादा गंगाराम बलौदा 1947 में भारत पाकिस्तान की पहली लड़ाई में शहीद हो गए थे। इसके अलावा हरियाणा के भिवानी जिले की तहसील के गांव मीठी निवासी नाना फूल सिंह लखलान ने 1962 ओर 1965 के युद्ध में हिस्सा लिया था। 1965 के युद्ध में उनकी यूनिट 3 जाट रेजिमेंट ने लाहौर पर कब्जा कर लिया था, जिसे दोग़राई युद्ध के नाम से प्रसिद्ध है। बहुत ही प्रसिद्ध लड़ाई थी ये। भले सिंह के मामा का लड़का अभी नेवी में है।
- ऑपरेशन सिंदूर में लॉन्चर प्रभारी की जिम्मेदारी संभाल रहे थे भले सिंह : भले सिंह ने बताया कि मैं 30 जून 2025 को रिटायर हो गया हूं। ऑपरेशन सिंदूर के बाद 20 साल की सेवा के बाद रिटायरमेंट पहले से ही 30 जून 2025 को तय था। बताया कि वायुसेना की एस-400 यूनिट में वह ऑपरेशन सिंदूर के दौरान लॉन्चर प्रभारी की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
- आग के बीच जोखिम उठाया : भले सिंह बताते हैं कि 10 मई की रात एक लॉन्चर ज्यादा मिसाइल फायरिंग के कारण खराब हो गया था। उस समय हालात इतने गंभीर थे कि इसे मौके पर ही छोड़कर बाद में ले जाने का विकल्प था। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्होंने चार सैनिकों की टीम के साथ आसमान से बरसते ड्रोन और मिसाइलों की आग के बीच साहसिक फैसला लिया और लॉन्चर को मौके पर ही ठीक करने का जोखिम उठाया। बिना घबराए और शांत मन से अपनी जान हथेली पर रखकर उन्होंने लॉन्चर सिस्टम को दुरुस्त किया और सुरक्षित तरीके से उसे नए ठिकाने तक पहुंचाया।
- क्रूज मिसाइल को बनाया निशाना : सार्जेंट भले सिंह लॉन्चर सिस्टम को ठीक कर सुरक्षित स्थान पर ले आए। इसके तुरंत बाद पाकिस्तान की ओर से हमला हुआ तो उसी लॉन्चर से उन्होंने क्रूज मिसाइल को सटीक निशाना बनाकर नष्ट कर दिया। अपने अदम्य साहस और कुशल नेतृत्व के दम पर वायुसेना की निर्णायक जीत में अहम योगदान देने वाले भले सिंह को वीरता पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।