Sleeping More Than 9 hours effects: क्या रोजाना 9 घंटे से ज्यादा सोते हैं आप तो मौत को बुला रहे अपने करीब? स्टडी में सामने आई डराने वाली हकीकत

Sleeping More Than 9 hours effects: क्या रोजाना 9 घंटे से ज्यादा सोते हैं आप तो मौत को बुला रहे अपने करीब? स्टडी में सामने आई डराने वाली हकीकत


How Many Hours Of Sleep Ss Healthy: हम अक्सर सुनते हैं कि कम नींद सेहत के लिए नुकसानदायक होती है. यह दिल की बीमारियों, डिप्रेशन और कमजोर इम्यूनिटी जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ाती है. लेकिन क्या आपको पता है कि ज़्यादा नींद लेना भी उतना ही खतरनाक हो सकता है? हालिया रिसर्च बताती है कि रोज़ाना 9 घंटे से ज्यादा सोना, कम नींद लेने से भी ज़्यादा जोखिम भरा साबित हो सकता है.

क्यों जरूरी है नींद

नींद शरीर और दिमाग़ के लिए उतनी ही महत्वपूर्ण है जितना सही खान-पान और व्यायाम. सोते समय शरीर ऊतकों की मरम्मत करता है, याददाश्त मजबूत करता है, हार्मोन बैलेंस करता है और इम्यून सिस्टम को सपोर्ट करता है. Sleep Health Foundation के अनुसार, वयस्कों को 7 से 9 घंटे की नींद लेनी चाहिए. इससे कम नींद लगातार थकान, चिड़चिड़ापन और ध्यान की कमी पैदा करती है और लंबे समय में दिल का दौरा, डायबिटीज़ और समय से पहले मौत का खतरा बढ़ा देती है.

9 घंटे से ज्यादा नींद के खतरे

79 स्टडी की समीक्षा में पाया गया कि 7 घंटे से कम सोने वालों की मौत का खतरा 14 प्रतिशत बढ़ा, जबकि 9 घंटे से ज्यादा सोने वालों का यह खतरा 34 प्रतिशत तक बढ़ गया. यानी, बहुत ज़्यादा सोना उतना ही खतरनाक हो सकता है जितना बहुत कम सोना. 2018 की एक और स्टडी ने भी यही नतीजे दिए थे.

लंबी नींद से जुड़ी बीमारियां

  • डिप्रेशन
  • क्रॉनिक पेन (लंबे समय का दर्द)
  • मोटापा और वज़न बढ़ना
  • टाइप 2 डायबिटीज़

क्या ओवरस्लीपिंग सीधी वजह है?

रिसर्च बताती है कि लंबी नींद और बीमारियों में संबंध है, लेकिन यह सीधा कारण नहीं हो सकता. कई बार लोग बीमारियों या दवाओं की वजह से ज़्यादा सोते हैं. जैसे—डिप्रेशन, स्लीप एपनिया या थकान वाली बीमारियों में शरीर को ज़्यादा आराम की ज़रूरत होती है. इसके अलावा, धूम्रपान, मोटापा या सुस्त जीवनशैली भी ओवरस्लीपिंग और सेहत की खराबी दोनों के लिए ज़िम्मेदार हो सकते हैं.

कितनी नींद सही है?

  • टीनेजर्स: 8–10 घंटे
  • वयस्क: 7–9 घंटे
  • बुज़ुर्ग: सोने का पैटर्न बदल सकता है लेकिन जरूरत लगभग वही रहती है.

असल मायने में सिर्फ़ नींद की लंबाई ही नहीं, बल्कि उसकी क्वालिटी भी जरूरी है. अगर बार-बार जागने की वजह से कोई 9 घंटे सो रहा है, तो असल में उसकी नींद पूरी नहीं मानी जाएगी.

हेल्दी स्लीप के टिप्स

  • रोज एक तय समय पर सोएं और उठें
  • सुबह धूप लें और दिनभर एक्टिव रहें
  • सोने से एक घंटा पहले मोबाइल-टीवी से दूर रहें
  • बेडरूम को ठंडा, शांत और आरामदायक बनाएं
  • सोने से पहले किताब पढ़ें या मेडिटेशन करें

कम नींद जितनी खतरनाक है, उतनी ही ज़्यादा नींद भी सेहत के लिए खतरे की घंटी हो सकती है. रोज़ाना 9 घंटे से ज्यादा सोना डिप्रेशन, डायबिटीज़ और समय से पहले मौत जैसी समस्याओं से जुड़ा है. हालांकि यह कहना सही नहीं होगा कि लंबी नींद ही बीमारी का कारण है, बल्कि यह किसी छिपी हुई बीमारी का लक्षण हो सकता है. इसलिए सबसे अच्छा है 7 से 9 घंटे की अच्छी और लगातार नींद लेना. अगर आपको ज़रूरत से ज्यादा सोने के बाद भी थकान महसूस होती है, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है.

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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.



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