World Boxing Championship 2025 gold medallist Jasmine Lamboria returns home welcomed in Bhiwani | वर्ल्ड चैंपियन बॉक्सर का भिवानी में स्वागत: जैस्मिन बोलीं-ठंडे दिमाग और बेहतर प्रदर्शन ने दिलाया पदक, ओलिंपिक में मेडल लाना टारगेट – Bhiwani News

World Boxing Championship 2025 gold medallist Jasmine Lamboria returns home welcomed in Bhiwani | वर्ल्ड चैंपियन बॉक्सर का भिवानी में स्वागत: जैस्मिन बोलीं-ठंडे दिमाग और बेहतर प्रदर्शन ने दिलाया पदक, ओलिंपिक में मेडल लाना टारगेट – Bhiwani News


भिवानी स्थित अपने घर पर पहुंची जैस्मिन लंबोरिया का स्वागत करते हुए

इंग्लैंड के लिवरपुल में आयोजित विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप के 57 किलोग्राम भार वर्ग में महिला मुक्केबाज जैस्मिन लंबोरिया ने देश को गोल्ड मेडल दिलाकर मिनी क्यूबा भिवानी के नाम को एक बार फिर से बरकरार रखने का काम किया है। जब 10वीं कक्षा में जैस्मिन ने मु

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इंग्लैंड के लिवरपुल में 4 से 14 सितंबर तक आयोजित हुई वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के 57 किलोग्राम भारवर्ग में गोल्ड मेडल लेकर अपने गृह जिले भिवानी में लौटी जैस्मिन लंबोरिया का भव्य स्वागत किया। वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने के बाद देश की 9वीं विश्व चैंपियनशिप बनने वाले जैस्मिन लंबोरिया ने इस जीत के पीछे अपने कोच और परिजनों के साथ ही कड़ी मेहनत एवं अनुशासन को इसका श्रेय दिया।

पत्रकारों से बातचीत करते हुए जैस्मिन लंबोरिया

पत्रकारों से बातचीत करते हुए जैस्मिन लंबोरिया

एशियन व कॉमनवेल्थ की तैयारी में जुटेंगी जैस्मिन लंबोरिया ने बताया कि उनके गोल्ड मेडल लेने से आज उनके परिवार, रिश्तेदार और शहर में खुशी का माहौल है। वर्ष 2026 के एशियन खेलों और कॉमनवेल्थ की तैयारियों को लेकर वे अब जुट जाएंगी। उन्होंने कहा कि अक्टूबर माह में भारत में ही वर्ल्ड कप फाइनल के मुकाबले होने है, उनको लेकर कैंप लगेगा।

ओलिंपिक में मेडल लाना टारगेट उन्होंने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य वर्ष 2029 के ओलिंपिक में देश को मेडल दिलाना है। अपने खेल के बारे में जानकारी देते हुए जैस्मिन लंबोरिया ने बताया कि इस चैंपियनशिप में ओलिंपियन मेडलिस्ट के साथ उनका मुकाबला रहा। उन्हें गोल्ड मेडल तक पहुंचने के लिए कुल 5 फाइट लड़नी पड़ी। वे अपने खेल का 100 प्रतिशत देने में कामयाब रही। जिसके चलते यह मेडल देश के नाम हो पाया। उन्होंने अपने खेल के बारे में बताया कि वे ठंडे दिमाग तथा बेहतर तकनीक को अपनाकर खेला तथा जीती।

भिवानी में लौटी जैस्मिन लंबोरिया का स्वागत करते हुए।

भिवानी में लौटी जैस्मिन लंबोरिया का स्वागत करते हुए।

10वीं कक्षा से मुक्केबाजी को अपनाया जैस्मिन की जीत पर उनके पिता जयबीर, मां जोगिंद्र कौर और चाचा महाबीर ने बताया कि जैस्मिन ने 10वीं कक्षा से ही मुक्केबाजी को अपना लिया था। क्योंकि उनके परिवार में खेल का माहौल था तथा उनके चाचा मुक्केबाजी करते थे।

2016 में जब वे 11वीं कक्षा में थी तो उन्होंने मुक्केबाजी को अपना पूरा समय देना शुरू कर दिया। जिसके चलते वे इस मुकाम तक पहुंच पाई। आज बदलते समय में बेटियों को भी बेटों के बराबर महत्व दिया जाने लगा। लिंगभेद को लेकर जो माहौल था, उसमें परिवर्तन आया है तथा बेटे व बेटियों को समान दृष्टिकोण से देखा जाने लगा है।



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