‘बिहार अधिकार यात्रा’ के तहत शुक्रवार (19 सितंबर, 2025) को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव दरभंगा के सुपौल बाजार पहुंचे. यहां ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के कार्यकर्ताओं ने उनके रथ (वैन) को रोक दिया और नारेबाजी करने लगे. कार्यकर्ताओं की मांग थी कि महागठबंधन में एआईएमआईएम को शामिल किया जाए.
इससे पहले, यात्रा के तीसरे दिन गुरुवार रात मधेपुरा जिले के सिंहेश्वर प्रखंड अंतर्गत झिटकिया में भी तेजस्वी को विरोध का सामना करना पड़ा था. जब उनकी यात्रा सिंहेश्वर से मधेपुरा की ओर बढ़ रही थी, तभी बड़ी संख्या में स्थानीय मुस्लिम युवा सड़क पर उतर आए और ‘गठबंधन नहीं तो वोट नहीं’ के नारे लगाने लगे थे. युवाओं की मांग थी कि यदि आरजेडी मुसलमानों की जनसंख्या के अनुपात में उन्हें राजनीति में हिस्सेदारी नहीं देती तो वे वोट नहीं देंगे.
आज यात्रा का था चौथा दिन
शुक्रवार को तेजस्वी यादव की ‘बिहार अधिकार यात्रा’ का चौथा दिन था. इस दौरान वे मधेपुरा से सहरसा पहुंचे, जहां उन्होंने तीन जगहों पर जनता को संबोधित किया. अपने भाषण में तेजस्वी ने बिहार की सबसे बड़ी समस्याओं पलायन और बेरोजगारी को मुद्दा बनाया.
खटारा सरकार अब चलने वाली नहीं: तेजस्वी
उन्होंने कहा कि आज भी लाखों बिहारी युवाओं को रोजगार की तलाश में अपने घर से दूर जाना पड़ता है. यह स्थिति बताती है कि राज्य में सुशासन पूरी तरह विफल हो चुका है. तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि अब वे अचेत अवस्था में हैं और बिहार को संभालने की क्षमता उनमें नहीं बची है. उन्होंने युवाओं से अपील की कि बिहार को अब एक युवा मुख्यमंत्री चाहिए, क्योंकि खटारा सरकार अब चलने वाली नहीं है.
तेजस्वी ने बेरोजगार युवाओं को भरोसा दिलाया कि अगर उन्हें मौका मिला तो जिसके पास डिग्री होगी, उसे नौकरी दी जाएगी. साथ ही उन्होंने भ्रष्टाचार को लेकर भी तीखा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि बिहार में बिना घूस दिए कोई काम नहीं हो रहा है और यह स्थिति आम लोगों के लिए बेहद अपमानजनक है. उन्होंने जनता से वादा किया कि उनकी सरकार में इस स्थिति को बदला जाएगा.