Bihar Assembly Election 2025 Survey: 10 महीने में बिहार में तेजस्वी को बंपर फायदा, PK का हो गया बड़ा नुकसान, सर्वे के आंकड़ों ने चौंकाया

Bihar Assembly Election 2025 Survey: 10 महीने में बिहार में तेजस्वी को बंपर फायदा, PK का हो गया बड़ा नुकसान, सर्वे के आंकड़ों ने चौंकाया



बिहार की राजनीति हमेशा से चेहरे और गठबंधनों के इर्द-गिर्द घूमती रही है. विधानसभा चुनाव 2025 में भी सवाल यही है कि आखिर जनता किसे अगले मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहती है. हाल के वर्षों में गठबंधनों ने कई बार समीकरण बदले हैं, लेकिन जनता की पसंद और नेताओं की लोकप्रियता पर लगातार नजर रखी जाती है.

C-Voter का सर्वे इसी माहौल को लेकर सामने आया है. फरवरी से लेकर सितंबर 2025 तक किए गए सर्वे में नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, चिराग पासवान, सम्राट चौधरी और प्रशांत किशोर को लेकर जनता की राय में उतार-चढ़ाव देखा गया है. यह सर्वे यह भी दिखाता है कि किसकी पकड़ जनता पर मजबूत हो रही है और किसकी पकड़ कमजोर होती जा रही है.

नीतीश कुमार घटती लोकप्रियता के बावजूद अभी भी मजबूती
नीतीश कुमार बिहार की राजनीति का सबसे बड़ा चेहरा रहे हैं, लेकिन C-Voter सर्वे के आंकड़े बताते हैं कि फरवरी 2025 में जहां 18% लोग उन्हें सीएम के रूप में पसंद कर रहे थे, वहीं जून में यह आंकड़ा घटकर 17% पर आ गया. अगस्त में उनकी लोकप्रियता 15% तक गिर गई और सितंबर में हल्की बढ़ोतरी के साथ 16% पर पहुंची. दिलचस्प यह है कि उनके कामकाज को लेकर जनता अब भी संतुष्ट है. फरवरी में 58% लोग उनके काम से संतुष्ट थे, जून में यह बढ़कर 60% हो गया और सितंबर में 61% लोग संतुष्ट बताए गए. इसका मतलब है कि भले ही उनके सीएम फेस के तौर पर समर्थन में गिरावट आई हो, लेकिन उनके काम को लेकर जनता का भरोसा अब भी कायम है.

तेजस्वी यादव लगातार उतार-चढ़ाव लेकिन अभी सबसे आगे
तेजस्वी यादव फरवरी 2025 में 41% लोगों की पहली पसंद थे. हालांकि जून में यह गिरकर 35% पर आ गया और अगस्त में 31% तक नीचे चला गया. सितंबर में एक बार फिर उनकी लोकप्रियता 36% तक पहुंची. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उनकी वोट अधिकार यात्रा और बिहार अधिकार यात्रा जैसी राजनीतिक सक्रियता ने उनके ग्राफ को फिर से ऊपर किया. तेजस्वी यादव का बढ़ता जनाधार यह भी बताता है कि बिहार की राजनीति में युवाओं और बदलाव चाहने वाली जनता का झुकाव अब भी उनके पक्ष में है.

चिराग पासवान और सम्राट चौधरी स्थिर 
चिराग पासवान फरवरी में सिर्फ 4% लोगों की पसंद थे, लेकिन जून में उनका समर्थन बढ़कर 10% हो गया. अगस्त में यह थोड़ा घटकर 9% पर पहुंचा और सितंबर में फिर 10% पर रहा. वहीं, सम्राट चौधरी ने फरवरी में 8% से शुरुआत की और जून में 10% तक पहुंचे. अगस्त में उनका समर्थन वहीं बना रहा और सितंबर में थोड़ा घटकर 7% हो गया. इन दोनों नेताओं की लोकप्रियता में बहुत बड़े उतार-चढ़ाव नहीं दिखे हैं, जिससे लगता है कि इनकी पकड़ स्थिर है लेकिन सीमित दायरे में.

प्रशांत किशोर लगातार बढ़ती लोकप्रियता
C-Voter सर्वे का सबसे बड़ा सरप्राइज पैकेज प्रशांत किशोर रहे. फरवरी में 15% लोगों ने उन्हें सीएम के रूप में पसंद किया था. जून में यह आंकड़ा 16% हो गया और सितंबर में सीधे 23% तक पहुंच गया. उनकी लगातार बढ़ती लोकप्रियता इस बात की ओर इशारा करती है कि जनता उन्हें एक विकल्प के तौर पर देख रही है. उनकी रणनीतिक सोच और नए राजनीतिक प्रयोग शायद बिहार की राजनीति में उन्हें मजबूती से स्थापित कर सकते हैं.

बिहार की जनता की संतुष्टि बनाम नेतृत्व की पसंद
सर्वे का सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि नीतीश कुमार के कामकाज को लेकर संतुष्टि का स्तर 61% तक पहुंचा है, लेकिन उन्हें सीएम के तौर पर पसंद करने वालों की संख्या सिर्फ 16% है. यह बताता है कि जनता उनके काम से तो खुश है, लेकिन उन्हें अगले कार्यकाल के लिए नेतृत्व में उतना उत्साहजनक समर्थन नहीं दे रही. वहीं, तेजस्वी यादव की लोकप्रियता गिरने-बढ़ने के बाद भी 36% पर सबसे आगे है. प्रशांत किशोर लगातार ऊपर बढ़ रहे हैं, जिससे यह चुनाव और भी रोमांचक बनता जा रहा है.

ये भी पढ़ें: Vijayadashami 2025: विजयादशमी के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन समेत PM मोदी ने दी शुभकामनाएं, जानें क्या कुछ कहा?



Source link

Leave a Reply