पंजाब के जालंधर में रहने वाले कारपेंटर छिंदरपाल ने अमिताभ बच्चन के शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ (KBC) में 50 लाख रुपए जीते हैं। छिंदरपाल का सपना नेवी में अफसर बनने का था, लेकिन परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण यह सपना अधूरा रह गया।
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उनके पिता हैंडपंप लगाते थे और भाई भी घर चलाने में उनकी मदद करते थे। 12वीं के बाद छिंदरपाल ने पढ़ाई छोड़ दी और कारपेंटर का काम करने लगे। साल 2020 में छिंदरपाल ने KBC देखना शुरू किया और उन्होंने मन बना लिया कि वे भी हॉट सीट पर बैठकर घर के हालात सुधारेंगे।
इसके लिए उन्होंने करंट अफेयर्स पढ़ना शुरू किया और यूट्यूब पर वीडियो देखने लगे। उन्होंने 3 बार कोशिश की और आखिरकार इसी साल 20 अगस्त को उन्हें KBC से फोन आ गया। उनका कहना है कि हॉट सीट तक पहुंचने के लिए ग्राउंड ऑडिशन से लेकर 3.5 सेकेंड में फास्टेस्ट फिंगर फर्स्ट जीतने तक का सफर काफी मुश्किल भरा रहा।
अब छिंदरपाल अपने गांव हुसैनपुर लौट आए हैं। वह 2 बच्चों के पिता हैं। जॉइंट फैमिली में पिता, बड़े भाई-भाभी और उनके दो बच्चे भी हैं। दैनिक भास्कर एप की टीम ने छिंदरपाल से मिलकर उनके संघर्ष की कहानी जानी।

पत्नी रेनू और दोनों बच्चों के साथ 50 लाख जीतने वाले छिंदरपाल।
अब जानिए छिंदरपाल से क्या-क्या सवाल-जवाब हुए….
सवाल: आपने कहां तक पढ़ाई की है और घर की आर्थिक स्थिति कैसी थी? छिंदरपाल: मेरे पारिवारिक हालात हमेशा से ही खराब रहे। पिता जी हैंडपंप लगाने का काम करते थे और उन्हीं की कमाई से मैंने 12वीं तक पढ़ाई की। पढ़ाई में मेरे भाई भी मदद करते थे। लेकिन आर्थिक हालातों के चलते मैं आगे पढ़ाई नहीं कर पाया। फिर मैंने कारपेंटर का काम सीखना शुरू किया और 18 साल की उम्र से ही यह काम कर रहा हूं। मगर, मेरी रुचि हमेशा से पढ़ाई में थी।
सवाल: आपका बड़ा होकर क्या बनने का सपना था? छिंदरपाल: मेरा शुरू से सपना था कि मैं भारतीय नौसेना में भर्ती होकर देश की सेवा करूं। मुझे नेवी की वर्दी बहुत अच्छी लगती थी। आर्थिक स्थिति के चलते मैं वहां तक नहीं पहुंच पाया। नेवी में भर्ती के बाद मेरा दूसरा सपना KBC में जाना था। इस सपने को मैं कभी भी अधूरा नहीं छोड़ना चाहता था।
सवाल: KBC में जाने के लिए पढ़ना कैसे शुरू किया? छिंदरपाल: मैंने अमूमन किसी व्यक्ति विशेष से पढ़ाई नहीं की। मैंने सारा ज्ञान यूट्यूब और सिर्फ करंट अफेयर्स पढ़कर प्राप्त किया है। मैंने अपने फोन का भरपूर इस्तेमाल किया और ऑनलाइन मौजूद बहुत अच्छे-अच्छे शिक्षकों को सुना और तैयारी करता रहा। मुझे अपनी मेहनत पर यकीन था और मैंने करके दिखाया।

सवाल: आप ने KBC में जाने के लिए कितनी बार ट्राई किया? छिंदरपाल: साल 2020 मेरे लिए एक टर्निंग पॉइंट था, क्योंकि मैंने KBC देखना तभी शुरू किया था। KBC देखने के बाद मुझे ललक लगी कि मैं भी अपना ज्ञान बढ़ाऊंगा और इस सीट तक पहुंचूंगा। जिसके बाद मैंने करीब 3 बार लगातार KBC में अपना नाम दर्ज कराया। एक बार तो फोन आया और मैं वहां गया भी, मगर हॉट सीट तक नहीं पहुंच पाया। लेकिन मैंने अपना सपना पूरा करने के लिए जी-तोड़ मेहनत की और साल 2025 मेरे लिए वह साल था, जिसमें मेरा सपना पूरा हो गया।
सवाल: इस साल आपको कब कॉल आया कि आप सिलेक्ट हो गए हैं? छिंदरपाल: मुझे 20 अगस्त को फोन आया था कि मेरा सलेक्शन हुआ है। जिसके बाद मैं मुंबई गया और वहां पर सारा प्रोसेस पास किया। मैंने अपनी पढ़ाई का समय और बढ़ा दिया। काम के साथ-साथ मैं रोजाना करीब 6 से 7 घंटे तक पढ़ाई करता था।
सवाल: KBC में सिलेक्ट होने का सारा प्रोसेस क्या था? छिंदरपाल: KBC में सिलेक्ट होने का प्रोसेस काफी मुश्किलों भरा है। पहले तो आपके फोन नंबर का सिलेक्शन होना ही बहुत जरूरी है, जो कि सिर्फ आपके लक के ऊपर निर्भर करता है। एक बार आपका नंबर सिलेक्ट हो गया तो आगे फिर सिर्फ आपकी पढ़ाई ही काम आएगी।
नंबर सिलेक्ट होने के बाद ग्राउंड ऑडिशन होता है, जिसके बाद आपका जनरल नॉलेज टेस्ट होगा और फिर आपका इंटरव्यू होगा। आखिर में फास्टेस्ट फिंगर फस्ट की सीट तक व्यक्ति पहुंचता है। फास्टेस्ट फिंगर फर्स्ट में सिलेक्ट होने के बाद आप हॉट सीट पर पहुंचते हैं।
सवाल: जब फास्टेस्ट फिंगर फर्स्ट क्लियर हुआ तो परिवार का रिएक्शन क्या था? छिंदरपाल: मैंने तुरंत जालंधर में अपने परिवार को फोन करके बताया कि मैं हॉट सीट पर आ गया हूं। परिवार वाले बेहद खुश थे। जब मैं पैसे जीत कर लौटा तो परिवार एकदम खुश था। क्योंकि हम लोग गरीब परिवार से हैं। हमने कभी इतना पैसा नहीं देखा था।

सवाल: जब आप KBC के मंच पर पहुंचे तो आपको कैसा फील हुआ? छिंदरपाल: जब मैं KBC के मंच पर पहुंचा तो देखा कि सभी साथी मुझ से ज्यादा पढ़े लिखे थे और ज्यादा कुशल थे। मुझे थोड़ा डर लगने लगा। मगर, मुझे अपनी मेहनत और पढ़ाई पर पूरा यकीन था कि मैं कर लूंगा और मैंने करके दिखाया। मैंने फास्टेस्ट फिंगर फर्स्ट 3.5 सेकेंड में क्लियर किया और हॉट सीट पर पहुंच गया। मगर, तब मैं बहुत प्रेशर में था। मैंने नशे की तरह पढ़ाई की और सामान्य ज्ञान (GK) मजबूत किया। मैं बिना लाइफलाइन के जितना ऊपर तक जा सकता था, गया। 12.50 लाख तक के सवाल में कोई भी लाइफलाइन इस्तेमाल नहीं की।
सवाल. जब आप बिग-बी (अमिताभ बच्चन) के सामने आए तो आपके हाव-भाव क्या थे? छिंदरपाल: जब बिग-बी मेरे सामने आए तो लोग चिल्लाने लगे। मेरे रोंगटे खड़े हो चुके थे। क्योंकि बिग-बी वो इंसान हैं, जिन्हें आज तक टीवी में देखा था, वह मेरे आंखों के सामने खड़े थे। बिग-बी आपको कभी ऐसा नहीं महसूस करवाते कि आप घबरा जाएं। वह खुद हौसला देते हैं कि आप बिल्कुल भी टेंशन मत लो और अच्छा खेल खेलो। ऐसा समझो की आपका दोस्त आपके सामने बैठा है और बात कर रहा है।
सवाल: आपका आखिरी सवाल 50 लाख का था, वह सवाल आपने कहां पढ़ा? छिंदरपाल: कुछ दिन पहले मैंने खान सर की जीके क्लास में यह सवाल पढ़ा था। जब सवाल आया तो मुझे याद आ गया कि क्या जवाब देना है। खान सर ने बताया था कि सूडान की राजधानी में नील नदी आकर मिलती है। वह बात मेरी दिमाग में बैठ गई थी। मेरा जवाब ठीक मिला और मैं 50 लाख जीत गया।
सवाल: एक करोड़ का क्या सवाल था, जिसके बाद आपने क्विट किया? छिंदरपाल: 50 लाख जीतने के बाद 1 करोड़ रुपए का सवाल आया। सवाल था कि भारत के महान त्रिकोणमिति सर्वेक्षण के प्रमुख बनने से पहले, जॉर्ज एवरेस्ट ने 1814 से 1816 तक किस द्वीप का सर्वेक्षण किया था, जिसमें विकल्प थे- जेजू, जमैका, जर्सी, जावा। काफी सोचने के बाद मुझे उत्तर पर पूरा भरोसा नहीं था। अमिताभ बच्चन ने मुझे सलाह दी कि खेल छोड़ सकते हैं। आखिर में मैंने क्विट कर लिया।

सवाल: कोक की बोतलें इकट्ठा करने वाला किस्सा क्या था? छिंदरपाल: अगर आप कोक पीते हो तो उसमें स्कैनर होता था। जिससे आप KBC में सिलेक्ट हो सकते हो। इसलिए मैंने कोक की बोतलें और ढक्कन इकट्ठा किए। ये साल 2024 की बात है। मगर, 2 महीने तक मैं कैसे इतनी कोक पी सकता था। मैंने देखा कि कबाड़ी की दुकान पर कोक की काफी खाली बोतलें मिल जाती हैं। जिसके बाद मैंने कबाड़ी की दुकान से कोक की कई खाली बोतलें लीं। कबाड़ी ने मुझसे पूछा कि इन बोतलों का क्या करोगे? तो मैं बोलता था कि बच्चों का कोई प्रोजेक्ट है, इसलिए लेकर जा रहा हूं।
सवाल: इन 50 लाख रुपयों का आप क्या करेंगे? छिंदरपाल: मेरा सबसे पहला काम यही होगा कि मैं अपने बच्चों की पढ़ाई अच्छे से करवाऊं। पैसे की कमी के कारण बच्चों की फीस देने में काफी दिक्कतें आती थीं। इसलिए अब मैं अपने बच्चों को पढ़ाऊंगा। जितना भी बच्चे पढ़ेंगे, मैंने उतनी अमाउंट सेव करके रखूंगा। साथ ही मैं अपने कारोबार को भी थोड़ा बड़ा करूंगा। कोई दुकान लूंगा और अपने पास अच्छे औजार रखूंगा। कुछ लोगों को काम पर रखूंगा, जिससे काम अच्छा चल सके।
सवाल. जीती हुई राशि आपको कब और कैसे मिलेगी? छिंदरपाल: जीती हुई राशि अभी मुझे नहीं मिली है। इस प्रोसेस में 2 महीने का समय लगता है। हर तरह से टैक्स सहित अन्य चीजें कटने के बाद यह राशि मुझ तक पहुंचाई जाएगी।
सवाल: पूरी जर्नी में आपका सबसे बड़ा मोटिवेशन और साथी कौन था? छिंदरपाल: इस सफर में सबसे बड़ी साथी मेरी पत्नी रेनू रहीं। उनके बिना ये संभव नहीं हो पाता। उन्होंने हमेशा मुझे मोटिवेट किया और कहा कि आप अपने सपने के लिए जिओ, मैं आपके साथ हूं। कोई बात नहीं, घर का गुजारा हो जाएगा।
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