28 मिनट पहलेलेखक: ईफत कुरैशी
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21 जनवरी 2019
चेन्नई के पल्लिकरनई डंप यार्ड से गुजरते हुए एक शख्स की नजर पास में पड़ी एक पॉलिथीन की बोरी पर पड़ी। वो किसी आम बोरी की तरह नहीं थी। शख्स बोरी के पास पहुंचा तो मंजर भयावह था। बोरी के ऊपरी हिस्से से कुछ उंगलियां बाहर निकली हुई थीं। शख्स ने हिम्मत कर वो बोरी खोली तो उसमें किसी महिला का कटा हुआ दाहिना हाथ था। घबराकर उसने तुरंत चेन्नई पुलिस को इसकी जानकारी दी। पुलिस ने बोरी खोली तो उसमें पैर भी थे।

डंपयार्ड में मिले महिला के कटे हुए पैर और एक हाथ।
ठीक इसी दिन चेन्नई की अड्यार नदी के पास भी ऐसा ही कुछ मंजर था। नदी के पास से गुजरते हुए कुछ राहगीरों को पॉलिथीन की बोरी दिखीं। ऐसे ही शहर के अलग-अलग हिस्सों में कुछ थैलियां मिलीं, किसी में आंतें थीं, किसी में हड्डियां तो किसी में कटे हुए हाथ-पैर।
शाम होते–होते पुलिस को शरीर के कई हिस्से मिले, लेकिन सिर और बाएं हाथ का अता-पता नहीं था। ये किसी महिला की लाश के टुकड़े थे, जिसकी उम्र 30-40 के बीच थी। इसके बाद शुरू हुई इस ब्लाइंड केस की जांच। न कोई चेहरा था और न लाश के पूरे टुकड़े, लेकिन फिर पुलिस की सूझबूझ ने इस पूरे हत्याकांड की पर्तें खोलकर रख दीं।
आज अनसुनी दास्तान के 3 चैप्टर्स में पढ़िए, तमिल एक्ट्रेस संध्या के मर्डर केस की कहानी-

मामले की जांच के लिए डिप्टी कमिश्नर मुत्थुस्वामी की अगुआई में 3 सर्च टीम बनाई गईं। जांच टीम का मानना था कि विशाल डंप यार्ड में कचरे के बीच लाश के कुछ और टुकड़े भी हो सकते हैं। यही वजह रही कि जनवरी 2019 में पुलिस ने 11 हजार 700 टन कचरा छान मारा। ये कदम कामयाब रहा और पुलिस को धड़ और शरीर के कई हिस्से मिल गए। सिर और एक हाथ हाथ अब भी मिसिंग था।

डंपयार्ड में लाश के टुकड़े ढूंढती पुलिस टीम।
जांच में तेजी लाने के लिए मृत महिला की पहचान करना बेहद जरूरी था। ऐसे में पुलिस ने बीते कुछ महीनों में दर्ज हुई महिलाओं की मिसिंग कम्प्लेंट छाननी शुरू कर दी, लेकिन लाश की कद–काठी और शरीर के निशान किसी शिकायत से मेल नहीं खाए। लाश के टुकड़ों की तस्वीरें भी राज्य के सभी पुलिस स्टेशन में सर्कुलेट की गईं।

सड़कों में लाश के टुकड़ों के पर्चे चिपकवाए गए थे।
चेन्नई के राजीव गांधी जनरल हॉस्पिटल में शव के टुकडों का पोस्टमॉर्टम हुआ, जिससे साफ हो गया कि लाश के टुकड़े एक ही महिला के हैं। हत्या के बाद किसी धारदार हथियार से लाश के टुकड़े किए गए थे।
लाश की पहचान के लिए इस बारे में जानकारी न्यूज चैनलों और अखबारों में दी गई, लेकिन इस बार भी नतीजे दिशाहीन रहे। कुछ दिन बीत गए, लेकिन इस ब्लाइंड मर्डर केस में कोई सुराग नहीं मिला। इसी दौरान पुलिस ने लाश के बाएं हाथ पर बने टैटू पर गौर किया। पहला टैटू शिव-पार्वती का था और दूसरा ड्रैगन का था। पुलिस ने इन टैटू के आधार पर महिला की तलाश शुरू कर दी।

शिव-पार्वती का टैटू- दाहिनी तरफ और ड्रैगन टैटू बाएं तरफ।

ठीक इसी समय चेन्नई के थूथुकोड़ी पुलिस स्टेशन में एक महिला ने एक मिसिंग कम्प्लेंट दर्ज करवाई। उसने कहा कि उसकी बेटी की पिछले 20-25 दिनों से कोई खबर नहीं है। नाम बताया गया संध्या, उम्र करीब 38 साल। शिकायतकर्ता ने बताया कि उसकी बेटी शादीशुदा है, वो दो बच्चों और पति के साथ चेन्नई के जाफरखानपेट में रहती है। पति बालाकृष्णन साउथ की फिल्मों में बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर काम करते हैं।

बेटी की शादी की तस्वीर लिए हुए संध्या की मां।
महिला ने बताया कि उसने दामाद से बेटी के बारे में पूछताछ की, लेकिन वो बेटी से बात नहीं करवा रहा है। दामाद का कहना है कि संध्या 19 जनवरी को मायके जाने की बात कहकर घर से निकली थी, तब से ही उसका नंबर बंद है। संध्या की उम्र और कद-काठी उस महिला से काफी मेल खाती थी, जिसकी लाश के टुकड़े मिले थे।
पुलिस ने शुरुआती तफ्तीश के बाद संध्या के परिजनों को लाश की शिनाख्त के लिए बुलाया। संध्या की मां ने उसके दाहिने हाथ पर बने टैटू और शरीर के तिल से संध्या की पहचान कर ली। पैर और हाथ के टुकड़ों में कुछ गहने भी थे, जो संध्या के ही थे। बेटी की मौत की खबर सुनते ही परिवार टूट गया। पहचान कन्फर्म करने के लिए लाश के डीएनए की टेस्टिंग हुई, जो संध्या के परिजनों से मैच कर गया।

लाश की पहचान होते ही पुलिस ने संध्या के पति बालाकृष्णन को कस्टडी में ले लिया। बालाकृष्णन लंबे समय तक यही कहता रहा कि उसकी पत्नी 19 जनवरी को घर से निकली थी, लेकिन फिर लौटी ही नहीं। जब सख्ती की गई तो उसने कबूल कर लिया कि 20 जनवरी को एक झगड़े के बाद उसने पत्नी का कत्ल कर दिया है।

संध्या ने साल 2002 में बालाकृष्णा से शादी की थी।
बालाकृष्णन के अनुसार उसकी संध्या से 17 साल पहले शादी हुई थी। इस शादी से उन्हें दो बच्चे थे, बेटी की उम्र 17 और बेटे की 10 साल है। उसे बीते कुछ महीनों से शक था कि संध्या का किसी शख्स से एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर है। इस बात पर दोनों के अक्सर झगड़े होते थे।
20 जनवरी की देर रात बालाकृष्णन का पत्नी से जोरदार झगड़ा हुआ, जिसके बाद रात करीब 10 बजे उसने कुल्हाड़ी से वार कर पत्नी को मार डाला। जुर्म छिपाने के लिए बालाकृष्णन ने लाश के टुकड़े किए और फिर सभी को डंप यार्ड और नदी के किनारे ठिकाने लगा दिया।
बालाकृष्णन के इकबाल-ए-जुर्म के बाद उसके घर की तलाशी ली गई। घर में पॉलिथीन की बोरियां मिलीं। इनमें से कुछ में डंप यार्ड और अन्य जगहों पर लाश के टुकड़े मिले थे। जांच में वो धारदार हथियार भी बरामद किया गया, जिससे लाश को काटा गया था। वहीं फोरेंसिक जांच में घर के फर्श पर खून के धब्बे भी मिले।
पुलिस ने इलाके के आसपास के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले, जिनमें बालाकृष्णन 20 जनवरी की देर रात बाइक से बोरियां ले जाते दिखा।
पुलिस जांच के अनुसार, संध्या और बालाकृष्णन की पहली मुलाकात साल 2002 में हुई थी। दोनों ही तमिल फिल्म इंडस्ट्री में काम करते थे। जल्द ही दोस्ती प्यार में बदल गई और दोनों ने शादी कर ली। इस शादी से उनके दो बच्चे हुए। शादी के कुछ समय बाद ही अलग-अलग विचारों के चलते दोनों के बीच मतभेद बढ़ने लगे। साल 2010 में बालाकृष्णन ने एक तमिल फिल्म प्रोड्यूस की, जो बुरी तरह फ्लॉप हो गई और परिवार को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। इसके बाद से ही बालाकृष्णन काफी परेशान रहने लगा। झगड़े इतने बढ़ गए कि संध्या, बालाकृष्णन और बच्चों को छोड़कर अपने परिजनों के साथ थूथुकुड़ी जाकर रहने लगीं। बालाकृष्णन अकेले बच्चों की परवरिश नहीं कर पा रहा था, जिसके चलते उसने बच्चों को भाई श्रीनिवासन के पास भेज दिया था।
कुछ समय तक मायके में रहने के बाद संध्या तमिल फिल्मों में काम की तलाश के लिए दोबारा चेन्नई आकर रहने लगीं। काम के सिलसिले में संध्या की फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों से गहरी दोस्ती होने लगी। इस बीच उनकी एक शख्स से दोस्ती काफी बढ़ गई। इसी समय खबरें आईं कि संध्या के साथ कास्टिंग काउच हुआ है। जब ये बात बालाकृष्णा को पता चली तो वो काफी नाराज हुए। उन्हें शक था कि संध्या का किसी से अफेयर है। बदनामी के डर से उन्होंने संध्या से संपर्क किया और कहा कि वो उन्हें खुद फिल्मों में काम दिलवाएंगे, लेकिन शर्त ये रखी कि संध्या को उनके साथ आकर रहना होगा। संध्या मान गई और जाफरपेटखान आकर रहने लगीं।
समय के साथ बालाकृष्णा, संध्या को फिल्मों में काम दिलवाने में नाकाम रहे। संध्या को लगने लगा कि उन्हें झूठ बोलकर घर बुलाया गया है। यही वजह रही कि उन्होंने 20 जनवरी की रात बालाकृष्णा का घर छोड़ने का फैसला कर लिया। पति ने उन्हें रोकने की काफी कोशिश की, लेकिन जब वो नहीं मानीं तो बात मारपीट तक पहुंच गई। जिसके बाद बालाकृष्णा ने कुल्हाड़ी से संध्या के सिर पर वार कर दिया।
हत्याकांड का खुलासा होने के बावजूद संध्या का सिर नहीं मिल सका। पुलिस ने बालाकृष्णन की निशानदेही पर सिर खोजने की काफी कोशिश की, लेकिन डंप यार्ड में हजारों टन कचरे के बीच वो सिर नहीं ढूंढ पाए। आज संध्या की मौत के 5 साल बाद भी उनका सिर और बायां हाथ नहीं मिल सका है।

बालाकृष्णा की निशानदेही पर सिर की तलाश करती चेन्नई पुलिस।