‘मैं कहता रहा हूं तेजस्वी यादव और आरजेडी का चरित्र…’, रैली में PM मोदी की मां को अपशब्द कहने पर बोले प्रशांत किशोर – bihar prashant kishor rjd tejashwi yadav pm modi mother abuse lclnt

‘मैं कहता रहा हूं तेजस्वी यादव और आरजेडी का चरित्र…’, रैली में PM मोदी की मां को अपशब्द कहने पर बोले प्रशांत किशोर – bihar prashant kishor rjd tejashwi yadav pm modi mother abuse lclnt


बिहार से बड़ी खबर सामने आई है. आरजेडी की एक रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिवंगत मां पर कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी किए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस पर जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने आरजेडी और तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है.

प्रशांत किशोर ने कहा, ‘मैं लगातार कहता रहा हूं कि तेजस्वी यादव और आरजेडी का चरित्र नहीं बदल सकता. लोग पूछते हैं कि मैं तेजस्वी को क्यों जिम्मेदार ठहरा रहा हूं. दरअसल, जो नेता लालू यादव के दौर में थे, वही आज भी पार्टी में मौजूद हैं.’

उन्होंने कहा कि जिन नेताओं पर ‘जंगलराज’ का आरोप लगता रहा है, वे अभी भी आरजेडी में सक्रिय हैं. इसलिए पार्टी का चरित्र, सोच और काम करने का तरीका आज भी पहले जैसा ही है.

बीजेपी ने आरोप लगाया है कि आरजेडी की ‘बिहार अधिकार यात्रा’ के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिवंगत मां पर अपशब्द कहे गए. यह आरोप विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की रैली को लेकर लगाए गए हैं. हालांकि, आरजेडी ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया और इसे बीजेपी की साजिश बताया.

बीजेपी का हमला, ‘तेजस्वी ने बढ़ाया कार्यकर्ताओं का मनोबल’
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा करते हुए लिखा कि तेजस्वी यादव ने एक बार फिर बिहार की संस्कृति को तार-तार किया है. उन्होंने कहा कि रैली में आरजेडी कार्यकर्ता अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे और तेजस्वी उन्हें प्रोत्साहित कर रहे थे. सम्राट चौधरी ने इसे लोकतंत्र का अपमान बताते हुए कहा कि बिहार की माताएं-बहनें इस मानसिकता का जवाब जरूर देंगी.

विजय सिन्हा और नित्यानंद राय का बयान
एक अन्य उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने भी आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव की मौजूदगी में पीएम की मां के खिलाफ गालियां दी गईं. उन्होंने इसे आरजेडी की सोच और मानसिकता का प्रमाण बताया. वहीं, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि तेजस्वी और उनके कार्यकर्ता बुरी भाषा का इस्तेमाल करने में माहिर हो गए हैं. यह हताशा और निराशा का नतीजा है क्योंकि जनता उन्हें नकार चुकी है.

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