देश के स्कूलों में पढ़ने वाले लगभग आधे बच्चे गर्दन, कमर और जोड़ों के दर्द से परेशान है. इसका खुलासा एम्स के डॉक्टर और फिजियोथेरेपी एक्सपर्ट्स की ओर से की गई रिसर्च में सामने आया है. एम्स के डॉक्टर और फिजियोथेरेपी एक्सपर्ट्स की ओर से की गई रिसर्च के अनुसार भारत में स्कूलों में पढ़ने वाले 47 प्रतिशत बच्चे गर्दन, कमर और जोड़ों के दर्द से परेशान है. एम्स के डॉक्टर और फिजियोथेरेपी एक्सपर्ट्स ने इस रिसर्च में 9 से 12वीं तक के 380 छात्रों की स्क्रीनिंग की थी. वहीं इस रिसर्च के अनुसार लंबे समय तक गलत पोजीशन में बैठने, लैपटॉप और मोबाइल का लगातार इस्तेमाल और खेल के दौरान फिजिकल परेशानियां बच्चों में दर्द का मुख्य कारण है. इसके अलावा स्कूलों में फिजियोथेरेपी एक्सपर्ट्स की कमी भी इस समस्या को और बढ़ा देती है.
फिजियोथेरेपी से मिल सकती है राहत
बच्चों को लेकर यह रिसर्च एम्स के डॉक्टर समर्थ मित्तल के नेतृत्व में की गई थी. इस रिसर्च में बच्चों को 12 सप्ताह तक फिजियोथेरेपी और एक्सरसाइज कराई गई थी. इन एक्सरसाइज में पुस अप्स और हर्डल क्रॉसिंग जैसी एक्टिविटी शामिल की गई थी. वहीं 12 सप्ताह बाद फॉलो अप जांच में पाया गया कि फिजियोथेरेपी के बाद बच्चों में गर्दन, कमर और जोड़ों के दर्द में सुधार हुआ है. इसके अलावा इन बच्चों की 4वें सप्ताह में दोबारा जांच की जाएगी.
स्कूलों में फिजियोथेरेपी एक्सपर्ट होना जरूरी
यह रिसर्च सामने आने के बाद इस रिसर्च में शामिल एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि स्कूलों में फिजियोथेरेपी एक्सपर्ट्स की नियुक्ति आवश्यक है. रिसर्चर्स के अनुसार एक्सपर्ट्स न केवल बच्चों की फिटनेस ट्रेनिंग कर सकते हैं, बल्कि मांसपेशियों की जांच, गति का आकलन और स्पोर्ट्स प्रैक्टिस में भी शुरुआती मदद कर सकते हैं. इससे बच्चे समय रहते ही फिजिकल प्रॉब्लम से बच सकते हैं और खेल में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं. वही एम्स के डॉक्टरों की तरफ से की गई इस रिसर्च को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने फंड किया है और यह रिसर्च पहली बार स्कूल बच्चों में फिजियोथेरेपी की जरूरत पर ध्यान केंद्रित कर रही है. इस रिसर्च के लिए चार स्कूलों के बच्चों पर यह एक्सपेरिमेंट किया गया है.
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )
Calculate The Age Through Age Calculator