Bhiwani World Championship medalist Pooja Bohra stories VIDEO | हरियाणा के बॉक्सिंग कल्चर-चुनौतियों पर बोली वर्ल्ड मेडलिस्ट: पूजा बोहरा ने हार के बाद भी नहीं मानी हार; पति की प्रेरणा से जीता मेडल – Bhiwani News

Bhiwani World Championship medalist Pooja Bohra stories VIDEO | हरियाणा के बॉक्सिंग कल्चर-चुनौतियों पर बोली वर्ल्ड मेडलिस्ट: पूजा बोहरा ने हार के बाद भी नहीं मानी हार; पति की प्रेरणा से जीता मेडल – Bhiwani News


पूजा बोहरा के मेडल को चूमते हुए उसकी मां

भिवानी की बॉक्सर पूजा बोहरा ने एक इंटरव्यू में अपने जीवन से जुड़े किस्से सांझा किए। उन्होंने अपने जीवन के अनुभव भी बताए हैं। बॉक्सर पूजा बोहरा ने 4 से 14 सितंबर तक इंग्लैंड के लिवरपुल में आयोजित वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता है।

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बॉक्सर पूजा बोहरा से जब एक इंटरव्यू में पूछा गया कि उन्होंने सबसे अलग चीज क्या है। इस पर उन्होंने कहा कि जैसे हरियाणा नाम आता है कि यह तो फोड़ देगी। जब हम कोई भी टूर्नामेंट खेलते हैं, चाहे वह राष्ट्रीय हो या अंतर्राष्ट्रीय तो पता लगता है कि हमारी हरियाणा से फाइट है तो लोग हरियाणा के नाम से काफी डरते हैं। बॉक्सिंग के बात करें तो हरियाणा में हमारे शहर भिवानी को मिनी क्यूबा बोला जाता है।

अपने पति व मां के साथ बॉक्सर पूजा बोहरा

अपने पति व मां के साथ बॉक्सर पूजा बोहरा

शुरू में खुद से बेस्ट किसी को नहीं मानती थी पूजा बोहरा ने कहा कि जब बॉक्सिंग भिवानी में स्टार्ट कैप्टन हवासिंह ने की थी। लड़कियों की बॉक्सिंग काफी लेट आई थी। शुरुआत में काफी दिक्कत हुई थी। हमारे परिवार में ही लोग बोलते थे कि लड़की है, इसको मत खिलाओ। हरियाणा में ऐसे ही होता है कि लड़कियों को इतना ज्यादा सपोट नहीं किया जाता था।

हमने शुरुआत की और अब नई पीढ़ी आ रही है। नई बच्चियां आ रही हैं। हमें लगता है कि हमने शुरुआत करके उनके लिए काफी आसान कर दिया। पूजा बोहरा ने कहा कि शुरुआत में वे खुद से अच्छा किसी को नहीं समझती थी। जब बॉक्सिंग की शुरुआत की तो लगता था कि सबसे बेस्ट मैं ही हूं। हमारे कोच द्वारा हमारे दिमाग में यही डाला जाता है कि हमसे बेस्ट कोई नहीं है।

बॉक्सर पूजा बोहरा

बॉक्सर पूजा बोहरा

हार के बाद बॉक्सिंग छोड़ने का मन बनाया, पति की प्रेरणा से फिर शुरू की पूजा बोहरा ने कहा कि 2023 में उन्होंने शादी की थी। उसके बाद लगभग गेम छोड़ ही दिया था। उसके बाद यही था कि अब मुझे नहीं करना है। क्योंकि 2022 वर्ल्ड चैंपियनशिप में हार का सामना करना पड़ा था। उसके बाद ऐसा हो गया था कि अब हमें नहीं करना है। आजकल बहुत सारे लोग एक शब्द प्रयोग करते हैं, डिप्रेशन में हूं स्ट्रेस है। जो गेम करते हैं, उनके लिए ये शब्द कोई मायने नहीं रखता है।

क्योंकि वे इतनी बार हार व जीत चुके होते हैं। हमारे लिए स्ट्रैस या डिप्रेशन कोई मायने नहीं रखता है। गेम हमें सिखाती है कि स्ट्रेस को कैसे दूर करना है। ऐसा ही मेरे साथ हुआ। शादी के बाद मेरे पति ने काफी मोटिवेट किया। उन्होंने बोला कि तेरे को एक बॉक्सिंग ही है, जो खुशी दे सकती है। तूं एक बार और ट्राई कर और अच्छा होगा। इसके बाद फिर से प्रयास किया। पूजा बोहरा ने कहा कि 2025 मेरे लिए काफी अच्छा रहा। मैं नेशनल चैंपियन बनी, वर्ल्ड कप में सिल्वर मेडल जीता और वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी मेडल जीता है।



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