Children Health Crisis in Punjab: जिस खाद को किसान जीवनदायिनी मानते हैं, वही अब पंजाब के मासूम बच्चों की सेहत के लिए जहर बनती जा रही है. पंजाब के बठिंडा और रूपनगर जैसे जिलों में की गई एक ताजा स्टडी ने चौकाने वाले तथ्य उजागर किए हैं. जिसमें 5 से 15 साल की उम्र के बच्चों के खून और बालों में सीसा पाया गया है. यह न सिर्फ़ बच्चों की सेहत, बल्कि आने वाली पीढ़ी के भविष्य पर भी गहरी चोट है. सवाल यह है कि आखिर यह जहर बच्चों तक पहुंच कैसे रहा है और इसका समाधान क्या हो सकता है.
पंजाब विश्वविद्यालय की स्टडी ने खुलासा करते हुए बताया कि, इस अध्ययन में 149 खून के सैंपल, 137 बालों के सैंपल और 37 भूजल के सैंपल शामिल किए गए थे. जिसके बाद बच्चों के खून में सीसे और यूरेनियम की मात्रा ज्यादा पाई गई. इसका सीधा संबंध रासायनिक खादों और प्रदूषण से जोड़ा जा रहा है.
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सीसा और यूरेनियम बढ़ने का मुख्स कारण क्या है
रासायनिक खादों का अंधाधुंध इस्तेमाल की वजह से मिट्टी और पानी में जहरीले तत्व मिल जाते हैं, जो भोजन और पानी के जरिए बच्चों के शरीर में जाते हैं. भूजल में मिले जहरीले तत्व बच्चों तक पहुंचकर उनकी सेहत बिगाड़ रहे हैं. फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएं और कचरे ने वातावरण को दूषित कर दिया है. लंबे समय से जैविक खेती की जगह रासायनिक खेती को प्राथमिकता देने का असर अब बच्चों के शरीर पर दिख रहा है.
बच्चों की सेहत पर असर
सीसा बच्चों के दिमागी विकास को प्रभावित करता है. हड्डियों और खून से जुड़ी बीमारियां लेकर आता है. किडनी और लिवर को नुकसान पहुंचाता है. लंबे समय तक जहरीले तत्व अंगों की कार्यक्षमता कम कर सकते हैं. यूरेनियम जैसे तत्व गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं.
समाधान क्या हो सकता है
- जैविक खेती को बढ़ावा – रासायनिक खादों की जगह ऑर्गेनिक खाद अपनानी होगी.
- पानी की शुद्धि पर ध्यान – भूजल को साफ करने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल जरूरी है.
- सरकारी निगरानी और सख्त नियम – प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों और खादों के अंधाधुंध उपयोग पर रोक लगानी होगी.
- जनजागरूकता अभियान – गांव-गांव में किसानों और परिवारों को सुरक्षित खेती और खाने की आदतों के लिए जागरूक करना होगा.
पंजाब की हरियाली भले ही “भारत का अन्नदाता” कहलाती हो, लेकिन यही अब बच्चों की सेहत के लिए खतरा बनती जा रही है.” अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो यह समस्या और गहरी हो सकती है. जरूरत है कि सरकार, किसान और समाज मिलकर खाद और प्रदूषण से होने वाले इस जहर को रोकें, ताकि पंजाब के बच्चे सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य की ओर बढ़ सकें.
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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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