Jhajjar Pradeep Beniwal from Jhajjar Breaks Indian Record at Spartathlon 2025 in Greece | Haryana News | झज्जर के धावक ने तोड़ा अल्ट्रा मैराथन का इंडियन रिकार्ड: प्रदीप बेनीवाल ने हासिल किया 42वां स्थान, एथेंस में हुई स्पार्टाथलॉन 2025 – Jhajjar News

Jhajjar Pradeep Beniwal from Jhajjar Breaks Indian Record at Spartathlon 2025 in Greece | Haryana News | झज्जर के धावक ने तोड़ा अल्ट्रा मैराथन का इंडियन रिकार्ड: प्रदीप बेनीवाल ने हासिल किया 42वां स्थान, एथेंस में हुई स्पार्टाथलॉन 2025 – Jhajjar News


झज्जर के प्रदीप कुमार ने अल्ट्रा मैराथन दौड़ में भारतीय रिकॉर्ड तोड़ा।

झज्जर जिले के गांव गोधड़ी के रहने वाले प्रदीप बेनीवाल ने एथेंस (ग्रीस) में भारत का तिरंगा अंतरराष्ट्रीय धरती पर लहराया है। प्रदीप बेनीवाल ने अल्ट्रा मैराथन में दुनिया की सबसे कठिन मानी जाने वाली दौड़ स्पार्टाथलॉन 2025 को पूरा कर नया भारतीय रिकॉर्ड बनाय

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झज्जर के प्रदीप ने यह ऐतिहासिक उपलब्धि 30 घंटे 8 मिनट में हासिल की। इस उपलब्धि के साथ उन्होंने न सिर्फ अपने गांव गोधड़ी बल्कि हरियाणा के साथ पूरे भारत का गौरव भी बढ़ाया है। अब प्रदीप के गांव लौटने पर उनके स्वागत की तैयारियां की जा रही हैं।

अल्ट्रा मैराथन दौड़ पूरी करने के बाद रनर्स व कोच के साथ प्रदीप का फोटो।

अल्ट्रा मैराथन दौड़ पूरी करने के बाद रनर्स व कोच के साथ प्रदीप का फोटो।

अल्ट्रा मैराथन में दुनिया के 400 धावक हुए शामिल

246 किलोमीटर की दूरी, एथेंस से स्पार्टा तक, स्पार्टाथलॉन विश्व की सबसे कठिन सहनशक्ति दौड़ों में से एक है। इसमें धावकों की शारीरिक क्षमता, मानसिक शक्ति और अदम्य संकल्प की सच्ची परीक्षा होती है। इस वर्ष करीब 400 धावक दुनिया भर से शामिल हुए, जिनमें से चार प्रतिभागी भारत से थे। प्रदीप ने उनमें सबसे तेज़ समय दर्ज कर भारत का मान बढ़ाया।

प्रदीप कुमार को बधाई देते विदेशी कोच।

प्रदीप कुमार को बधाई देते विदेशी कोच।

प्रदीप बोले- यह उनकी नहीं बल्कि भारत की जीत

प्रदीप ने कहा कि स्पार्टाथलॉन 2025 पूरा करना मेरे लिए गर्व और विनम्रता का क्षण है। यह यात्रा भारत सरकार, विशेषकर वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के निरंतर प्रोत्साहन के बिना संभव नहीं थी। उन्होंने अपने सीईओ मिहिर कुमार, वरिष्ठ अधिकारियों और सभी सहयोगियों का आभार व्यक्त किया है। प्रदीप ने कहा कि उन्होंने हर कदम पर उसका साथ दिया। यह उपलब्धि केवल उनकी व्यक्तिगत जीत नहीं, बल्कि भारत की बढ़ती सहनशक्ति और जज्बे का प्रतीक है।

प्रदीप 2 अक्टूबर 2025 को भारत लौटेंगे और उनके साथ लौटेगी एक ऐसी ऐतिहासिक उपलब्धि, जिस पर पूरा देश गर्व कर सके।



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