सचिन आहूजा ने अपने पिता के लिए पोस्ट, लिखा -पापा हमें आपके बिना जीने की आदत नहीं।
पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री के संगीत सम्राट चरणजीत सिंह आहूजा 74 साल की उम्र में कुछ दिन पहले देहांत हो गया था। उन्होंने पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री को नई पहचान दी है। उनके संगीतकार व म्यूजिक प्रोड्यूसर बेटे सचिन आहूजा ने उनकी अंतिम अरदास के बाद उनके सम्मा
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उन्होंने लिखा है कि “पापा, हमें आपके बिना जीने की आदत नहीं है, लेकिन मुझे विश्वास है कि आप हमें आगे बढ़ने की शक्ति देंगे। मुझे आशीर्वाद दें कि मैं आपकी विरासत को आगे बढ़ा सकूं। चरणजीत आहूजा के चार बेटे हैं, जिनमें सचिन सबसे बड़े हैं।

सचिन आहूजा द्वारा शेयर की पोस्ट।
2 प्वाइंट में जानें सचिन ने पोस्ट में क्या कुछ लिखा
- आपकी विरासत अनंतकाल तक हमारे साथ रहेगी: सचिन ने पोस्ट में लिखा है कि “पापा, जैसे ही मैं सभी अंतिम रस्में पूरी कर रहा हूं और आपको अलविदा कह रहा हूं, मैं आपको उस प्यार के बारे में बताना चाहता हूं जो पूरी दुनिया ने आप पर और हम पर बरसाया है। आपका संगीत और जीवन दुनिया भर में मनाया जाता है। आपने जो संगीत की अमर विरासत छोड़ी है, वह निश्चित रूप से अनंत काल तक हमारे साथ रहेगी।”
- हमें आपके बिना जीने की आदत नहीं है: “हमें आपके बिना जीने की आदत नहीं है, लेकिन मुझे विश्वास है कि आप हमें आगे बढ़ने की शक्ति देंगे। कृपया मुझे आशीर्वाद दें कि मैं आपकी विरासत को आगे बढ़ा सकूं और पंजाबी संगीत की उसी तरह सेवा कर सकूं, जिस तरह आपने जीवन भर की है। हमेशा प्यार करता रहूंगा।”

दूसरी पत्नी अमरजोत के साथ चमकीला
अमरजीत सिंह को चमकीला बनाया
चरणजीत सिंह आहूजा ने पंजाब म्यूजिक इंडस्ट्री को नई पहचान दी है। वह सिर्फ एक संगीतकार ही नहीं थे, बल्कि एक दूरदर्शी व्यक्ति थे जिन्होंने पंजाबी संगीत के कुछ महानतम सितारों के करियर को आकार दिया। उन्होंने अमर सिंह की प्रतिभा को पहचाना और उन्हें पंजाब ही नहीं बल्कि पूरे देश में चमकीला बना दिया। जस्सी जसराज, हंसराज हंस, हरभजन मान, यमला जट्ट, मोहम्मद सदीक, सुरिंदर छिंदा जैसे कई नाम इसमें शामिल हैं।
पिछले दिनों जब उनकी अंतिम अरदास हुई, तो कई नामी हस्तियां वहां पहुंची थीं, जिनमें हंसराज हंस और गुरदास मान जैसे दोनों दिग्गज मौजूद रहे।
पंजाब में ली आखिरी सांस
चरणजीत सिंह आहूजा ने अपने जीवन का अधिकतर समय दिल्ली में ही गुजारा, लेकिन जीवन के आखिरी क्षण उन्होंने पंजाब में बिताए। कोरोना काल में वह मोहाली आ गए थे। यहीं उन्होंने अपना नया स्टूडियो और घर बनाया था। कोरोना काल में पूरा परिवार लोगों की सेवा में जुटा रहा। इंडस्ट्री में उन्हें सम्मान से सभी सिंगर “गुरुजी” कहते थे।
