Dengue Fever Symptoms: दिल्ली-एनसीआर में डेंगू का कहर, एक की मौत, जानें इसके लक्षण और बचाव के उपाय

Dengue Fever Symptoms: दिल्ली-एनसीआर में डेंगू का कहर, एक की मौत, जानें इसके लक्षण और बचाव के उपाय



Dengue Symptoms: दिल्ली-एनसीआर में डेंगू से नोएडा अथॉरिटी के एजीएम आशीष भाटी का डेंगू से निधन हो गया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व मंत्री और वरिष्ठ समाजसेवी हरीशचंद्र भाटी के बेटे थे और वे काफी दिनों से डेंगू से पीड़ित थे. उनका इलाज दिल्ली के अपोलो अस्पताल में चल रहा था. डेंगू से मौत के मामले काफी कम होते हैं, ऐसे में एनसीआर में हुए इस डेथ के बाद लोगों के मन में डर बैठ गया है. चलिए आपको बताते हैं कि डेंगू के लक्षण क्या होते और इसे बचाव के लिए क्या-क्या करना चाहिए.

डेंगू की बीमारी

हर साल बरसात के मौसम में मच्छरों का आतंक शुरू हो जाता है. यह बीमारी एडीज एजिप्टी नामक मच्छर के काटने से फैलती है. इसको वायरल इंफेक्शन की कैटेगरी में रखते हैं, जिसका कोई विशेष इलाज नहीं होता है. बस अगर आपको इससे सुरक्षित रहना है, तो कुछ नियमों का पालन करना होता है. दिल्ली-एनसीआर सहित पूरे भारत में इसके काफी मामले देखने को मिलते हैं. पिछले कुछ सालों में इसके केस बढ़े हैं.

क्या होते हैं इसके लक्षण?

दिल्ली के सोमदत्त नर्सिंग होम में जनरल फिजिशियन डॉ. सचदेवा ने बताया कि अगर इसके लक्षणों के बारे में बात करें, तो डेंगू में अचानक तेज बुखार आ जाता है, जो अक्सर 102 से 104 डिग्री फारेनहाइट तक पहुंच जाता है. इसमें तेज सिरदर्द की भी समस्या होती है, खासकर आंखों के पीछे तेज दर्द महसूस होता है. इसको हड्डियों का बुखार भी कहा जाता है, इसमें हड्डियों और मांसपेशियों में काफी तेज दर्द होता है. लगातार उल्टी और जी मिचलाना इस बीमारी का आम लक्षण है. कई बार इसमें रोगियों के चकत्ते भी निकल जाते हैं. डेंगू के मरीज बहुत ज्यादा थका हुआ और कमजोर महसूस करता है. इसके अलावा मामला तब गंभीर हो जाता है जब पेट दर्द, सांस लेने में तकलीफ, बार-बार उल्टी और बेहोशी हो, इसे इसका सबसे खतरनाक स्टेज माना जाता है.

डेंगू से बचाव के उपाय

अगर इसके इलाज की बात करें तो इसका कोई खास टीका या दवा नहीं है. इसलिए बचाव ही इसका सबसे बड़ा इलाज है. बरसात के मौसम में कोशिश करें कि पूरा शरीर ढकने वाला कपड़ा पहनें. घर में मच्छरदानी और मच्छररोधी क्रीम का उपयोग करें, इसके अलावा खिड़की-दरवाज़ों पर जाली लगाकर रखें. साफ-सफाई की बात करें तो घर और आसपास गमलों, टायर, कूलर या बाल्टियों में पानी इकट्ठा न होने दें. 

अगर बुखार तीन दिन से ज्यादा रहे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. अगर सरल शब्दों में कहा जाए, तो यह एक खतरनाक बीमारी है, लेकिन इसको रोका जा सकता है. समय पर लक्षण पहचानकर और सावधानियां अपनाकर हम इससे सुरक्षित रह सकते हैं. इससे बचाव करना ही इस बीमारी से बचने में आपके लिए असरदार हथियार हो सकता है.

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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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