‘इस सज्जन ने दखल न दिया होता तो…’, शहबाज शरीफ ने ट्रंप को दिया भारत-PAK में सीजफायर का क्रेडिट – shehbaz sharif praises trump for india pakistan truce ntc

‘इस सज्जन ने दखल न दिया होता तो…’, शहबाज शरीफ ने ट्रंप को दिया भारत-PAK में सीजफायर का क्रेडिट – shehbaz sharif praises trump for india pakistan truce ntc


पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने का क्रेडिट लिया था. शरीफ ने कहा कि ट्रंप ने दोनों परमाणु शक्तियों के बीच संभावित परमाणु संघर्ष को टाल दिया.

गाजा के भविष्य पर आयोजित वैश्विक सम्मेलन में बोलते हुए शहबाज शरीफ ने ट्रंप को शांति दूत बताया और उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने की घोषणा की.

ट्रंप को दिया शांति प्रयासों का श्रेय

यह अप्रत्याशित पल तब आया जब ट्रंप ने अपने संबोधन के बीच में शहबाज शरीफ को मंच पर आमंत्रित किया और कहा, “क्या आप कुछ कहना चाहेंगे? वह कहिए जो आपने मुझसे उस दिन कहा था.”

इसके बाद मंच पर शरीफ ने करीब पांच मिनट तक बोलते हुए ट्रंप की प्रशंसा की और कहा कि उन्होंने युद्ध रोकने और संघर्ष क्षेत्रों में शांति लाने के लिए अथक कूटनीतिक प्रयास किए.

उन्होंने कहा, “आज का दिन आधुनिक इतिहास के सबसे महान दिनों में से एक है, क्योंकि राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व में किए गए निरंतर प्रयासों के बाद शांति स्थापित हुई है. वे सचमुच एक शांति प्रिय व्यक्ति हैं.”

शरीफ ने आगे कहा कि ट्रंप ने महीने भर लगातार मेहनत की ताकि दुनिया शांति और समृद्धि के साथ रह सके. भावनात्मक लहजे में उन्होंने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए आधिकारिक रूप से नामांकित करते हुए कहा, “पाकिस्तान ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया है, क्योंकि उन्होंने पहले भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोका और फिर सीजफायर स्थापित किया. उनकी टीम भी इस काम में असाधारण रही है.”

शरीफ ने नोबेल के लिए ट्रंप को सबसे ईमानदार और सबसे योग्य उम्मीदवार बताया.

‘सात नहीं, अब आठ युद्ध रोके’

शहबाज शरीफ की यह तारीफ ऐसे समय आई है जब इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और इजरायली संसद ने भी ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया है. नेतन्याहू ने कहा कि ट्रंप ने मध्य पूर्व में कई युद्धों को टालने और शांति समझौतों को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई.

ट्रंप ने मंच से शरीफ की ओर इशारा करते हुए मजाक में कहा था कि वो और पाकिस्तान से उनके पसंदीदा फील्ड मार्शल भी आज यहां मौजूद हैं और फिर शरीफ को बोलने के लिए आमंत्रित किया.

‘…तो भारत-पाकिस्तान में युद्ध इस हद तक बढ़ता’

अपने संबोधन में शरीफ ने कहा, “अगर इस सज्जन (ट्रंप) और उनकी शानदार टीम ने चार दिनों तक दखल न दिया होता तो दोनों परमाणु शक्तियों भारत और पाकिस्तान में युद्ध इस हद तक बढ़ सकता था कि कोई भी यह बताने के लिए जिंदा न रहता कि क्या हुआ.

उन्होंने कहा कि ट्रंप की शांति-स्थापना की भूमिका केवल भारत-पाक तक सीमित नहीं रही, बल्कि उन्होंने मध्य पूर्व में भी मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी के साथ मिलकर शांति का रास्ता तैयार किया. माननीय राष्ट्रपति, आपका और राष्ट्रपति सीसी का योगदान इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा.

ट्रंप का ह्यूमर भरा जवाब

जब ट्रंप दोबारा मंच पर लौटे तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “वाह! मैंने यह उम्मीद नहीं की थी. अब तो घर चलते हैं. इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता. अलविदा दोस्तों!”

उनकी इस बात पर सम्मेलन में मौजूद लोग हंस पड़े. ट्रंप ने शहबाज शरीफ की प्रशंसा के जवाब में आगे कहा, “वह वाकई बहुत सुंदर था, और बेहद सुंदर तरीके से कहा गया. बहुत-बहुत धन्यवाद.”

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