ट्रेनों से अब चुभने वाले कंबलों की होगी छुट्टी, रेलवे देगा सांगानेरी प्रिंट वाले कंबल कवर

ट्रेनों से अब चुभने वाले कंबलों की होगी छुट्टी, रेलवे देगा सांगानेरी प्रिंट वाले कंबल कवर



ट्रेनों के एसी कोच में सफर करने वाले अक्सर कंबल को लेकर शिकायत करते रहते हैं. कई बार उनकी शिकायत कंबलों के गंदे होने को लेकर होती है तो कई बार कंबलों की चुभन भी पैसेंजर्स को परेशान करती है. अब इन्हीं दिक्कतों से निजात दिलाने के लिए रेलवे ने अहम कदम उठाया है, जिसके तहत पैसेंजर्स को अब कंबलों को पर जयपुर के मशहूर सांगानेरी प्रिंट वाला कवर कंबलों पर चढ़ाया जाएगा. इसकी शुरुआत जयपुर-असरवा (अहमदाबाद) ट्रेन के एसी कोच से की गई है. आइए जानते हैं कि रेलवे के इस कदम से क्या फायदा होगा?

ट्रेनों के कंबल पर चढ़ेंगे सांगानेरी प्रिंट वाले कवर

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, अभी तक ट्रेनों में कंबल बिना कवर के दिए जाते थे. ऐसे में पैसेंजर्स इस बात को लेकर परेशान रहते थे कि कंबल साफ हैं या नहीं. इस शिकायत को दूर करने के लिए रेलवे ने कंबल कवर की सुविधा शुरू की है. इन कवर पर जयपुर का खूबसूरत सांगानेरी प्रिंट होगा, जो न सिर्फ देखने में अच्छा लगता है, बल्कि कंबल को साफ और सुरक्षित भी रखता है. यह शुरुआत अभी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर की गई है. अगर प्रयोग सफल रहा तो इसे देशभर की ट्रेनों में लागू किया जाएगा.

इन बातों पर किया गया फोकस

जानकारी के मुताबिक, कंबल कवर बनाते वक्त दो बातों का खास ध्यान रखा गया. सबसे पहले ऐसा कवर तैयार करना था, जो लंबे समय तक चले. दूसरा इसे धोना आसान हो और प्रिंट फीका न पड़े. सांगानेरी प्रिंट की खासियत है कि यह टिकाऊ होता है और बार-बार धोने पर भी इसकी चमक बरकरार रखती है. ये कवर न सिर्फ कंबल को साफ रखेंगे, बल्कि यात्रियों को सुकून भी देंगे.

रेलवे स्टेशनों पर मिलेंगी नई सुविधाएं

कंबल कवर के साथ-साथ रेलवे ने यात्रियों को सुविधाएं देने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं. रेल मंत्री ने 65 रेलवे स्टेशनों पर नई सुविधाओं का उद्घाटन किया. इनमें छोटे-छोटे स्टेशनों पर साइन बोर्ड, पूरी लंबाई वाले प्लेटफॉर्म और अन्य सुविधाएं शामिल हैं. रेलवे का मकसद है कि छोटे स्टेशनों पर भी यात्रियों को बड़े स्टेशनों जैसी सुविधाएं मिलें. 

ऐसा है रेलवे का प्लान

उत्तर पश्चिम रेलवे के पीआरओ शशि किरण ने बताया कि रेलवे 77 स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 4000 करोड़ रुपये की लागत से नया रूप दे रहा है. इनमें से पांच स्टेशन पूरी तरह तैयार हो चुके हैं और बाकी पर तेजी से काम चल रहा है. जयपुर, गांधीनगर और खातीपुरा जैसे स्टेशनों पर नए प्लेटफॉर्म, पटरियां और बिजलीकरण का काम जोर-शोर से हो रहा है. बाकी स्टेशनों पर भी तेजी से काम किया जा रहा है.

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