
जहरीली हवा का सबसे पहला असर फेफड़ों पर दिखाई देता है. लगातार स्मॉग और प्रदूषित हवा में रहने से खांसी, गले में खराश, सीने में जकड़न और सांस फूलने जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं.

जिन लोगों को पहले से अस्थमा या ब्रॉन्काइटिस है, उनके लिए इस तरह की पॉल्यूटेड हवा किसी जहर से कम नहीं होती है. छोटे बच्चे और बुजुर्गों को इससे बचकर रहने की खास जरूरत होती है.

सिर्फ फेफड़े ही नहीं, खराब हवा दिल पर भी सीधा असर डालती है. रिसर्च बताती हैं कि लंबे समय तक पॉल्यूटेड हवा में सांस लेने से हार्ट अटैक, हाई ब्लड प्रेशर और ब्लड क्लॉटिंग जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है.

WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, हवा में मौजूद छोटे-छोटे जहरीले कण (PM 2.5 और PM 10) शरीर में जाकर धीरे-धीरे कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों का कारण भी बन सकते हैं. फेफड़ों का कैंसर प्रदूषण से जुड़ी सबसे आम समस्या मानी जाती है.

सबसे पहले कोशिश करें कि जब तक बहुत जरूरी न हो, घर से बाहर निकलने से बचें. अगर निकलना ही पड़े तो N95 या N99 मास्क जरूर पहनें. यह खुद का बचाव करने का बढ़िया तरीका है.

घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करना भी एक अच्छा विकल्प है. इसके अलावा घर में तुलसी, मनी प्लांट और स्नेक प्लांट जैसे इनडोर पौधे रखें, जो हवा को शुद्ध करने में मदद करते हैं.

इसके साथ ही खूब पानी पिएं ताकि शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स बाहर निकल सकें और इम्यूनिटी मजबूत बनी रहे. अगर आपको लगातार खांसी, सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द या आंखों में जलन जैसी समस्या हो रही है, तो इसे नजरअंदाज न करें. तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
Published at : 21 Oct 2025 01:00 PM (IST)