Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष का एकमात्र ऐसा दिन, जब नहीं होता सामान्य मृत्यु पाने वाले पितरों का श्राद्ध

Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष का एकमात्र ऐसा दिन, जब नहीं होता सामान्य मृत्यु पाने वाले पितरों का श्राद्ध


Ghayal Chaturdashi 2025, Pitru Paksha: गुरुड़ पुराण में कहा गया है कि जिन परिजनों का मृत्यु के बाद श्राद्ध कर्म नहीं किया जाता है वह अतृप्त पूर्वज प्रेतयोनी की अधोगति को प्राप्त हो जाते है और अपने वंशजों को कष्ट पहुचातें है. पुराणों का कहना है कि पितरों की भक्ति से पुष्टि, आयु, वीर्य और धन की प्राप्ति होती है.

वैसे तो पितृ पक्ष में हर तिथि पर श्राद्ध किया जाता है लेकिन पितृ पक्ष की चतुर्दशी तिथि यानी घायल चतुर्दशी पर सामान्य मृत्यु को प्राप्त हुए पूर्वजों का श्राद्ध नहीं करना चाहिए,क्या है वजह है, आइए जानते हैं.

घायल चतुर्दशी 2025 कब ?

पितृ पक्ष की चतुर्दशी तिथि का श्राद्ध 20 सितंबर 2025 को होगा. महाभारत के अनुसार चतुर्दशी श्राद्ध तिथि केवल उन मृतकों के श्राद्ध के लिये उपयुक्त है, जिनकी मृत्यु किन्हीं विशेष परिस्थितियों में हुई हो, जैसे किसी हथियार द्वारा मृत्यु, दुर्घटना में मृत्यु, आत्महत्या अथवा किसी अन्य के जरिए हत्या. अकाल मृत्यु के प्राप्त होने वालों का श्राद्ध इसी दिन होता है. इनके अतिरिक्त चतुर्दशी तिथि पर किसी अन्य का श्राद्ध नहीं किया जाता है.

चतुर्दशी पर क्यों नहीं होता सामान्य मृत्यु वाले पूर्वज का श्राद्ध ?

महाभारत के अनुशासन पर्व में भीष्म पितामह ने युधिष्ठिर को बताया है कि जो लोग आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को तिथि अनुसार श्राद्ध करते हैं उन्हे कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है जैसे –

  • अयोग्य संतान पैदा होती है.
  • व्यक्ति अक्सर विवादों में फंसा रहता है.
  • वैवाहिक जीवन में अलगाव की स्थिति आ सकती है.

इस तिथि के दिन जिन लोगों की मृत्यु स्वाभाविक रूप से हुई हो, उनका श्राद्ध सर्व पितृ अमावस्या के दिन करना उचित रहता है.

अकाल मृत्यु वाले पितरों का श्राद्ध नहीं करने पर क्या होता है ?

जब कोई आकस्मिक रूप से मृत्यु को प्राप्त होता है, तो उसकी आयु इस जन्म की पूर्ण नहीं होती है और उसकी आत्मा अतृप्त रहती है. उसकी आत्मा भूत, प्रेत, पिशाच योनि में भटकती रहती है. ऐसे में अकाल मृत्यु को प्राप्त आत्माएं अपने परिजनों से उम्मीद करती हैं कि वो उसका उचित कर्मकांड कराकर उसे मुक्ति दिला दें, नहीं तो गुरुड़ पुराण के अनुसार ऐसी आत्माएं आने वाले वंश के लिए परेशानी का कारण बन जाती हैं.

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