Bhai Dooj 2025: भाई दूज का पर्व कल यानी 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा. यह त्योहार भाई-बहन के रिश्ते के बीच के प्रेम, स्नेह और गहराई को दर्शाता है. ये दिन बहनों के प्रति सुरक्षा, आशीर्वाद और जिम्मेदारी की भावना को भी दर्शाता है. मगर जिन बहनों का कोई भाई नहीं हो तो वे क्या करें.
धार्मिक परंपराओं में ऐसी बहनों के लिए कुछ खास तरीके बताए हैं. जिससे वे यह पर्व पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ मना सकती है.
अगर नहीं है भाई तो क्या करें?
जिन बहनों का कोई भाई नहीं है वे अपने पापा, चाचा, भाई, दोस्त या किसी रिश्तेदार के साथ भाई दूज का त्योहार मना सकती हैं. वरना घर के पास रहने वाले किसी करीबी लड़के को अपना भाई मनाकर भी यह पर्व मना सकती हैं.
इससे बहने अपना स्नेह, प्यार और सेवा भाव व्यक्त कर सकती है. भाई दूज सिर्फ खून से संबंधी लोगों का त्योहार नहीं है बल्कि यह भावना और सांस्कृतिक जुड़ाव को भी दर्शाता है.
तिलक के बाद भोजन की है परंपरा
बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर उन्हें भोजन कराती हैं. जो उनके प्रति स्नेह और समान व्यक्त करता है. यह परंपरा भाई की शुभता, लंबी उम्र और समृद्धि की कामना करती है. भाई को भोजन और मिठाई देना का रिवाज तो सालों से चलता आ रहा है.
जो भाइयों के प्रति सेवा और प्रेम को दर्शाता है. जिससे छोटे भाइयों को आशीर्वाद मिलता है और बड़े भाई अपनी बहनों को सुरक्षा का वादा देते हैं.
चंद्रमा और यमराज को मानते हैं भाई
देश के कुछ हिस्सों, जैसे हरियाणा और महाराष्ट्र में, बहनें चंद्रमा को अपना भाई मानकर उसकी पूजा करती हैं. वे श्रद्धा से तिलक लगाती हैं, आरती उतारती हैं और उसके दीर्घायु, सुख और समृद्धि की कामना करती हैं.
वहीं कुछ परंपराओं में बहनें भगवान यमराज या भगवान कृष्ण को भाई स्वरूप मानकर तिलक करती हैं और उन्हें भोजन अर्पित करती हैं. यह पूजा न केवल बहन के स्नेह और समर्पण का प्रतीक है, बल्कि भाई दूज के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को भी सुंदर रूप में जीवित रखती है.
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