Bhai Dooj 2025: भाई दूज का पर्व आज, जानें क्या रहेगा भाई को तिलक करने का सबसे शुभ मुहूर्त – bhai dooj 2025 know tilak krne ka shubh muhurat significance katha tvisg

Bhai Dooj 2025: भाई दूज का पर्व आज, जानें क्या रहेगा भाई को तिलक करने का सबसे शुभ मुहूर्त – bhai dooj 2025 know tilak krne ka shubh muhurat significance katha tvisg


Bhai Dooj 2025 Shubh Muhurat: आज भाई दूज का पर्व मनाया जा रहा है. यह त्योहार दिवाली पंच महापर्व का अंतिम दिन होता है, जो कि हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. इस तिथि से यमराज का संबंध होने के कारण इसे यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है. बहनें इस दिन अपने भाई का तिलक यानी टीका करती हैं और भाई का सत्कार करती हैं. साथ ही, उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं.

मान्यताओं के अनुसार, जो भाई बहन के घर जाकर भोजन ग्रहण करता है और तिलक करवाता है, उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती है. भाई दूज के दिन यमराज के सचिव चित्रगुप्त जी की पूजा भी जाती है. तो चलिए अब जानते हैं कि आज भाई दूज का कितने बजे से शुरू होगा.

भाई दूज पर भाई को तिलक करने का मुहूर्त (Bhai Dooj 2025 Tilak ka Shubh Muhurat)

भाई को टीका करने के आज ये मुहूर्त रहेंगे-  

पहला अभिजीत मुहूर्त रहेगा और इस मुहूर्त में कोई भी शुभ काम किया जा सकता है. जिसका मुहूर्त सुबह 11 बजकर 43 मिनट से शुरू होगा और समापन दोपहर 12 बजकर 28 मिनट पर होगा.

वहीं, दूसरा मुहूर्त, आज दोपहर 1 बजकर 13 मिनट से शुरू होकर दोपहर 3 बजकर 28 मिनट तक रहेगा. 

इसके अलावा, तीसरा विजय मुहूर्त रहेगा, जो कि दोपहर 1 बजकर 58 मिनट से शुरू होकर दोपहर 2 बजकर 43 मिनट तक रहेगा. 

सबसे अंतिम गोधूली मुहूर्त है, जो कि शाम 5 बजकर 43 मिनट से शुरू होकर शाम 6 बजकर 09 मिनट तक रहेगा.   

भाई दूज की तिथि (Bhai Dooj 2025 Tithi)

पंचांग के अनुसार, भाई दूज कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की द्वितीया तिथि को मनाई जाती है. भाई दूज की तिथि 22 अक्टूबर को रात 8 बजकर 16 मिनट पर शुरू हो चुकी है और तिथि का समापन 23 अक्टूबर यानी आज रात 10 बजकर 46 मिनट पर होगा.

भाई दूज पर पूजन करने की विधि (Bhai Dooj 2025 Puja ki Vidhi)

भाई दूज के दिन बहनें अपने भाई के लिए एक विशेष थाली तैयार करती हैं, जिसमें रोली, अक्षत, नारियल का गोला और मिठाई होती है. सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है, फिर घर के उत्तर-पूर्वी दिशा में चौक बनाया जाता है. इसके बाद भाई को लकड़ी के एक साफ पटरे पर बिठाकर उनका तिलक किया जाता है, और उन्हें फूल, पान, सुपारी देकर उनकी आरती उतारी जाती है. अंत में, बहनें अपने भाई को मिठाई खिलाती हैं और अपने हाथों से बना भोजन परोसती हैं, जिसे बहुत शुभ माना जाता है.

भाई दूज कथा (Bhai Dooj katha)

भाई दूज के इस त्योहार से संबंधित एक पौराणिक कथा के अनुसार कहा जाता है कि नरकासुर का वध करके भगवान श्री कृष्ण भाई दूज के दिन ही द्वारका वापिस लौटे थे. ऐसे में उनकी बहन सुभद्रा ने अपने भाई का स्वागत फल, फूल, मिठाई, और दीयों को जलाकर किया था. इसके अलावा, सुभद्रा ने भगवान श्री कृष्ण का तिलक करके उनके दीर्घायु की कामना भी की थी.

भाई दूज के दिन बहन को क्या उपहार दें

1. भाई दूज पर बहनों को वस्त्र और आभूषण का उपहार देना अच्छा माना जाता है. 

2. इसके अलावा, आप अपनी बहन को सौंदर्य प्रसाधन या खुशबू वाली चीजों का उपहार दे सकते है. साथ ही, चांदी का सिक्का या धन भी उपहार में दे सकते हैं.

3. लेकिन, भूल से भी काले रंग की चीजें बहनों को उपहार में ना दें.

4. आप चाहें तो अपनी बहनों को मिठाई या चॉकलेट जैसे उपहार भी दे सकते हैं.

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