तेलंगाना में 11 नवंबर को जुबली हिल्स विधानसभा में उपचुनाव होंगे. मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी इस सीट को हर हाल में जीतना चाहते हैं, क्योंकि इस सीट से कांग्रेस लगातार हारती रही है. बीआरएस और बीजेपी को कड़ी टक्कर देने के लिए इस बार रेड्डी ने असदुद्दीन ओवैसी से हाथ मिलाया है.
कभी ओवैसी की AIMIM में रहे नवीन यादव को कांग्रेस ने इस सीट से उतारा है. इसी के चलते ओवैसी ने ऐलान किया है कि उनकी पार्टी इस बार उपचुनाव नहीं लड़ेगी और नवीन यादव का समर्थन करेगी. हाल ही में नवीन यादव से मुलाकात के बाद ओवैसी ने जुबली हिल्स उपचुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है.
असदुद्दीन ओवैसी ने क्या कहा
जुबली हिल्स उपचुनाव को लेकर मीडिया से बात करते हुए ओवैसी ने कहा कि हमारे वहां 2 पार्षद हैं. इसके बावजूद हम चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. हमारी जुबली हिल्स की जनता से अपील है कि ये उपचुनाव है. इससे न कोई सरकार बनेगी ना गिरेगी. हम जनता से अपील करते हैं कि आपने दस साल बीरआरएस नेता को मौका दिया, जबकि वो बीमार थे. इसलिए मेरी अपील है कि इस बार युवा नवीन यादव को मौका दें ताकि वो जुबली हिल्स में विकास ला सकें.
क्यों हो रहे हैं जुबली हिल्स उपचुनाव
दरअसल इसका एक कारण ये बताया जा रहा है कि ओवैसी की रेवंत रेड्डी से अच्छी बनती है. भले ही कांग्रेस नेतृत्व से उनकी अनबन हो. जुबली हिल्स सीट 2023 के विधानसभा चुनाव में बीआरएस के मंगती गोपीनाथ ने जीती थी. उनके निधन के कारण इस सीट पर उपचुनाव कराए जा रहे हैं. बीआरएस ने इस बार गोपीनाथ की पत्नी को उम्मीदवार बनाया है.
नवीन यादव को टिकट देने का कारण
कांग्रेस ने भले ही इस सीट से नवीन यादव को मैदान में उतारा है, पर ये पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस नेता अजहरुद्दीन का इलाका है. 2023 में कांग्रेस की लहर के बीच भी मोहम्मद अजहरुद्दीन ये सीट 16,000 वोटों से हार गए थे. 3 लाख 98 हजार वोटों वाली इस सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अधिक है. मुस्लिम बहुल सीट से अजहरुद्दीन के हारने के कारण ही कांग्रेस ने इस बार ओबीसी चेहरे पर दांव लगाया है.
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