सचिन तेंदुलकर ने बदल दिए थे शाहरुख खान के सीन्स, आइकॉनिक बना 90s फेमस विज्ञापन – sachin tendulkar shah rukh khan ad 1999 prahlad kakkar tmova

सचिन तेंदुलकर ने बदल दिए थे शाहरुख खान के सीन्स, आइकॉनिक बना 90s फेमस विज्ञापन – sachin tendulkar shah rukh khan ad 1999 prahlad kakkar tmova


क्रिकेट दिग्गज सचिन तेंदुलकर मैदान पर जितने क्रिएटिव थे उतने ही रचनात्मक सेट पर भी थे. फेमस ऐड मेकर प्रहलाद कक्कड़ ने इसका जिक्र किया. उन्होंने साथ ही सचिन और शाहरुख खान के 1990 के फेमस कोल्ड्रिंक विज्ञापन के बारे में बात की. प्रहलाद ने बताया कि उस विज्ञापन में सबसे दिलचस्प मोड़ सचिन ने खुद सुझाया था. उन्होंने शाहरुख के सीन्स में भी बदलाव कर दिए थे. 

काम आया सचिन का आईडिया

शूटिंग को याद करते हुए प्रहलाद ने ANI को बताया कि सचिन एक मराठी मानुष हैं, लेकिन वो शुरू में थोड़े शर्मीले और सधे हुए थे. पर फिर समय के साथ उन्होंने आत्मविश्वास कमाया और बेहद अच्छे आईडिया भी दिए.

प्रहलाद बोले,“उन्होंने वास्तव में विज्ञापन की कहानी में ऐसे सुझाव दिए जो बहुत अच्छे थे, जैसे उस सीन में, जहां शाहरुख सचिन का वेश अपना के वर्ल्ड कप टीम के कमरे में जाकर फ्री पेप्सी चुराता है. और बाकी सब सोचते हैं कि वह सचिन ही है.”

प्रहलाद आगे कहते हैं कि, “विज्ञापन में सचिन का हुलिया लिए शाहरुख से अजरुद्दीन कहते हैं, ‘तुम बल्लेबाजी के लिए जाओ.’ तो वह पूरी तैयारी के साथ बल्लेबाजी के लिए बाहर जाता है. वह बहुत परेशान नजर आता है, चारों तरफ देखता है कि कुछ तो गलत है, और फिर सचिन आते हैं. वह अपनी विग उतारते हैं और शाहरुख कहते हैं, ‘सचिन, धन्यवाद, आप आ गए,’” 

सचिन ने बनाया मजेदार

प्रहलाद ने बताया कि शुरुआती पटकथा में सचिन खुद बल्ला लेकर मैदान पर खेलने निकलते थे, लेकिन क्रिकेट के इस महानायक के पास एक अलग सुझाव था जिसने विज्ञापन के अंत को और मजेदार बना दिया.

प्रहलाद ने बताया कि कैसे तब विज्ञापन सुनकर “सचिन ने कहा था कि, ‘मुझे बल्ला क्यों पकड़ना चाहिए? यह मजेदार नहीं है. फिर अपना आईडिया देते हुए कहा था कि- ‘मैं पेप्सी लेकर वापस कमरे में लौटता हूं, और उसे बाहर जाने देता हूं.’ तो हमने भी सोचा कि, ‘वाह, क्या अच्छा विचार है.’”

यह विज्ञापन 1990 के दशक के सबसे यादगार विज्ञापनों में से एक बन गया और इसने प्रसिद्ध नारा “ये दिल मांगे मोर” को भी लोकप्रिय किया. यह विज्ञापन खेल और बॉलीवुड के बीच की सबसे सफल साझेदारी में से एक माना जाता है, और 1990 के दशक के भारतीय विज्ञापन जगत में एक महत्वपूर्ण मुकाम था.

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