Chhat Puja 2025: छठ का पर्व भारत के बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ क्षेत्रों में बड़े श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्योहार है. इस वर्ष ये पर्व 27 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा. यह पर्व सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित है.
इसे मनाने का उद्देश्य स्वास्थ्य, समृद्धि, संतान की लंबी उम्र और परिवार की खुशहाली के लिए आशीर्वाद प्राप्त करना है. छठ पर्व कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि (नहाय-खाय) से शुरू होकर चार दिन तक चलता है. जिसमें व्रती निर्जल व्रत रखते हैं और सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं. यह पर्व शुद्धता, अनुशासन और आस्था का प्रतीक भी है.
क्यों मनाया जाता है छठ पर्व
छठ पर्व का मुख्य उद्देश्य सूर्य देव और छठी मैया की कृपा प्राप्त करना है. यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि जीवन में स्वास्थ्य, समृद्धि और सुख-शांति लाने का एक तरीका भी माना जाता है.
व्रती, जो अधिकतर महिलाएं करती है, इस दौरान निर्जल व्रत रखती हैं और सूर्य देव को अर्घ्य देती हैं. इसके साथ ही वे अपने परिवार की खुशहाली, अपने बच्चों की लंबी उम्र और अपने सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करती हैं.
इस पर्व को करने से शरीर और मन की शुद्धि होती है. व्रत और पूजा के दौरान अनुशासन, संयम और आत्म निरीक्षण की भावना पैदा होती है. इसके अलावा, छठ पर्व परिवार और समाज में आपसी प्रेम, सहयोग और विश्वास को भी मजबूत करता है.
सूर्य देव और छठी मैया का रिश्ता
सूर्य देव और छठी मैया के बीच का जो रिश्ता है वो भाई-बहन का है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छठी मैया (षष्ठी देवी) भगवान सूर्य की बहन हैं और उन्हीं के सम्मान में छठ पूजा की जाती है.
इस पूजा में, भक्त सूर्य देव को अर्घ्य देकर और छठी मैया की पूजा करके उनसे घर की सुख-शांति, समृद्धि और संतान की दीर्घायु का आशीर्वाद मांगते हैं.
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