12 मिनट पहले
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दिवंगत एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के परिवार ने CBI की क्लोजर रिपोर्ट को “ऊपरी और अधूरी” बताते हुए कोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया है। परिवार का कहना है कि जांच एजेंसी ने कई अहम सबूतों को नजरअंदाज किया।
CBI की रिपोर्ट में कहा गया कि सुशांत ने खुदकुशी की थी और रिया चक्रवर्ती या किसी अन्य आरोपी के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिला।
जिस पर सुशांत के परिवार के वकील वरुण सिंह का कहना है कि रिपोर्ट अधूरी है। उन्होंने कहा कि चैट, गवाहों के बयान, बैंक रिकॉर्ड और मेडिकल रिपोर्ट कोर्ट में जमा किए जाने चाहिए थे। परिवार का आरोप है कि बैंक स्टेटमेंट जैसे अहम सबूत पेश नहीं किए गए।
सुशांत सिंह राजपूत की मौत के लगभग पांच साल बाद, मार्च 2025 में CBI ने पटना कोर्ट में इस मामले की क्लोजर रिपोर्ट पेश की थी। रिपोर्ट में उनके एक्स गर्लफ्रेंड और एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती को सभी आरोपों से बरी किया गया।

14 जून 2020 को, सुशांत सिंह राजपूत मुंबई के अपने बांद्रा स्थित घर में मृत पाए गए थे।
CBI ने यह क्लोजर रिपोर्ट दोनों मामलों में जमा की। एक मामला सुशांत के परिवार ने पटना में रिया और उसके परिवार के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का दर्ज कराया था। दूसरा मामला रिया ने मुंबई में सुशांत की बहनों और परिवार के खिलाफ दर्ज कराया था।
CBI रिपोर्ट के मेन पॉइंट
CBI की रिपोर्ट में कहा गया कि सुशांत ने आत्महत्या की थी। रिया चक्रवर्ती और उसके परिवार पर कोई भी आरोप साबित नहीं हुआ। जांच में यह पाया गया कि 8 जून से 14 जून 2020 तक, जब सुशांत का शव उनके बांद्रा स्थित फ्लैट में मिला, कोई भी आरोपी उनके पास या उनके साथ नहीं था। रिया और उनके भाई शोविक चक्रवर्ती 8 जून को सुशांत का घर छोड़कर चले गए थे और उसके बाद लौटकर नहीं आए।
रिपोर्ट के अनुसार, सुशांत ने 10 जून को व्हाट्सएप पर शोविक से आखिरी बार बात की थी। 8 जून से 14 जून के बीच रिया के साथ कोई कॉल, मैसेज या चैट नहीं हुई। जांच में यह भी पता नहीं चला कि सुशांत और रिया या उनके परिवार के बीच किसी तरह का संपर्क हुआ।
सुशांत के पहले मैनेजर शृत्ति मोदी ने फरवरी 2020 में पैर टूटने के बाद फ्लैट आना बंद कर दिया था। सुशांत की बहन, मीटू सिंह, 8 जून से 12 जून तक उनके फ्लैट में रहीं। जांच में किसी भी आरोपी के द्वारा सुशांत को आत्महत्या के लिए उकसाने, दबाव बनाने या धमकाने का कोई सबूत नहीं मिला।
CBI की वित्तीय जांच
CBI ने पाया कि 8 जून को जब रिया और शोविक घर छोड़कर गए, तो उन्होंने अपनी व्यक्तिगत चीजें साथ ले लीं, जिनमें रिया को सुशांत ने दी हुई एपल का लैपटॉप और एपल की घड़ी शामिल थीं। जांच में कोई सबूत नहीं मिला कि रिया ने सुशांत की अनुमति के बिना उनकी संपत्ति या वस्तुएं लीं।
सुशांत और रिया अप्रैल 2018 से जून 2020 तक लिव-इन रिलेशनशिप में थे। सुशांत ने अक्टूबर 2019 में यूरोप ट्रिप के टिकट अपने मैनेजर से बुक कराए थे। उन्होंने अपने फ्लैटमेट सिधार्थ पिठानी से भी कहा कि रिया फैमिली का हिस्सा हैं। इसलिए रिया पर किए खर्चों को IPC की धारा 420 के तहत धोखाधड़ी नहीं माना जा सकता।
CBI रिपोर्ट में यह भी लिखा कि रिया या उसके परिवार ने सुशांत को आत्महत्या करने के लिए धमकाया या उकसाया, ऐसा कोई सबूत नहीं मिला।
पटना कोर्ट इस क्लोजर रिपोर्ट की सुनवाई 20 दिसंबर को करेगी।
