बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार (23 अक्टूबर, 2025) को ‘मेरा बूथ सबसे मजबूत’ कार्यक्रम के माध्यम से बिहार के युवा कार्यकर्ताओं से संवाद किया. पीएम मोदी ने कहा कि बिहार के मेरे युवा साथियों, आप सभी को भाई दूज के पर्व की ढेर सारी शुभकामनाएं. आज चित्रगुप्त पूजा का पावन दिन भी है, आज बहीखातों की पूजा भी की जाती है. आजकल देश में GST बचत उत्सव भी चल रहा है. मुझे पता चला है कि जीएसटी बचत उत्सव में बिहार के नौजवानों ने भी अपने लिए खूब खरीदारी की है. बाइक और स्कूटी पर GST कम होने का बिहार के युवा जबरदस्त लाभ उठा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि त्योहारों की इस उमंग में छठी मईया की पूजा की तैयारी भी जोरों पर है. इन सबके साथ-साथ बिहार लोकतंत्र का महापर्व भी मना रहा है. ये बिहार की समृद्धि का नया अध्याय लिखने का चुनाव है. इसमें बिहार के नौजवानों की बहुत बड़ी भूमिका है, इसलिए बिहार के आप नौजवान साथियों के साथ संवाद का अवसर मिलना उतना ही आनंद देता है.
बिहार के हर क्षेत्र में हो रहे विकास कार्य- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘मैं बिहार के सभी नौजवानों से कहूंगा कि हर बूथ में सब नौजवानों को एकत्र करें और उस इलाके में जो बुजुर्ग लोग हों, वे आकर जरा सबको पुरानी बातें बताएं. उनके जो विचलित करने वाले अनुभव हैं, वे सभी नई पीढ़ी को बताने का कार्यक्रम बनाया जा सकता है.’
उन्होंने कहा, ‘आज देश में विकास का महायज्ञ चल रहा है और बिहार भी इसमें कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है. बिहार में हर एक क्षेत्र में, हर एक दिशा में काम हो रहा है. कहीं अस्पताल बन रहे हैं, कहीं अच्छे स्कूल बन रहे हैं, कहीं नए रेलवे रूट बन रहे हैं. इसका बहुत बड़ा कारण ये है कि देश और बिहार में एक स्थिर सरकार है. जब स्थिरता होती है तो विकास तेज होता है. बिहार की NDA सरकार की शक्ति भी यही है, इसलिए आज बिहार का हर नौजवान उत्साह से कह रहा है- ‘रफ्तार पकड़ चुका है बिहार, फिर से एनडीए सरकार’.
चुनाव की भागदौड़ के बीच बिहार मना रहा छठ का महापर्व- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा, ‘बिहार के सभी युवा कार्यकर्ताओं को एक और काम करना है. चुनाव की भागदौड़ रहेगी और छठ का महापर्व भी इसी बीच है, लेकिन छठ के तुरंत बाद 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस है, देश के महान नेता सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती है. इस दिन रन फॉर यूनिटी होनी है. मैं तो कहूंगा कि हर गांव में कितनी ही चुनावी आपाधापी हो, लेकिन सरदार पटेल को याद करना चाहिए. बड़े शहरों में, हर वार्ड में 15-20 मिनट की एकता दौड़ का आयोजन किया जाना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा बेटे-बेटियों को इसमें जोड़ना चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘मुझे सारी ताकत 140 करोड़ देशवासियों से मिली है और ये सारी ताकत मतदाता के एक वोट की ताकत है. उस वोट ने ये परिस्थिति पैदा की है कि आज राम मंदिर भी बन गया, ऑपरेशन सिंदूर भी हो गया और देश नक्सलवाद से मुक्ति की दिशा में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है. ये वोट की ताकत है और मैं मानता हूं कि पूरे हिंदुस्तान में वोट की ताकत की सबसे ज्यादा समझ मेरे बिहार के भाई-बहनों को है, इसलिए जंगलराज को एक बार हटाने के बाद आज वो किसी भी हालत में जंगलराज को वापस नहीं आने देना चाहते.’
बिहार की बेटियों ने हर जगह लहराया परचम- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘आज बिहार की बेटियां आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रही हैं, ये हम सब के लिए बहुत ही गर्व का विषय है. साइंस और टेक्नोलॉजी का क्षेत्र हो, एविएशन से स्पेस टेक्नोलॉजी तक, फैशन टेक्नोलॉजी और फिनटेक इंडस्ट्री हो या मेडिकल एजुकेशन और मीडिया जैसे क्षेत्र हों, बिहार की बेटियों ने हर जगह अपना परचम लहराया है.’
दशकों तक देश और बिहार नक्सलवाद से रहा पीड़ित- पीएम मोदी
उन्होंने कहा, ‘जो लोग अपने आप को गठबंधन कहते हैं, बिहार की जनता उनको लठबंधन कहती है. वो सिर्फ लठ चलाना और झगड़ा करना जानते हैं. लठबंधन वालों के लिए अपना स्वार्थ ही सबसे बड़ा है. इन्हें बिहार के युवाओं की चिंता नहीं है. दशकों तक देश और बिहार के नौजवान नक्सलवाद और माओवादी आतंक से पीड़ित रहे, लेकिन इन लोगों ने आपको नहीं, बल्कि अपने स्वार्थ को ही प्राथमिकता दी. माओवादी आतंक से मदद लेकर ये लोग चुनाव भी जीतते रहे.’
उन्होंने आगे कहा, ‘बिहार को तबाह करने में नक्सलवाद-माओवादी आतंक ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है. ये माओवादी स्कूल, कॉलेज, अस्पताल कुछ भी खोलने नहीं देते थे और बने बनाए संस्थान को बम से तोड़ देते थे. ये उद्योगों को घुसने नहीं देते थे, इसलिए इनके राज में विकास पूरी तरह चौपट हो गया था. मैं मानता हूं कि इन्होंने बिहार की दो पीढ़ियों के भविष्य बर्बाद किए हैं.’
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