हिंदू धर्म का एक ऐसा व्रत जिसमें खाई जाती है मछली ?

हिंदू धर्म का एक ऐसा व्रत जिसमें खाई जाती है मछली ?


Jitiya Vrat 2025: जितिया व्रत 14 सितंबर 2025 को है, ये व्रत नहाय खाय से शुरू होता है और तीसरे दिन इसका पारण होता है. जीवित्पुत्रिका का कठिन व्रत माताएं अपनी संतान की खुशहाली, लंबी आयु और उसके उज्जवल भविष्य के लिए करती हैं.

हिंदू धर्म में सभी व्रत त्योहार में तामिसक भोजन करने की मनाही होती है लेकिन जितिया व्रत से एक दिन पहले महिलाएं मछली का सेवन करती हैं आखिर क्या है इसकी वजह आइए जानते हैं.

जितिया व्रत से पहले क्यों खाते हैं मछली ?

जितिया व्रत से पहले अनेक विधान होते हैं. जिस प्रकार अन्य व्रतों में अभक्ष्य पदार्थों (तामसिक भोजन) का त्याग किया जाता है, जैसे लहसुन, प्याज, मांसाहार, साग इत्यादि, लेकिन जितिया व्रत में खासकर मछली खाने की परंपरा है. दरअसल कई समुदायों में मछली को शुभ, समृद्धि और उर्वरता का प्रतीक माना गया है.

जितिया व्रत चूंकि कठिन होता है इसलिए मान्यता है कि मछली खाने से व्रत के दौरान शरीर में शक्ति बनी रहती है और व्रत सफल होता है. कहते हैं कि ये पीढ़ियों से चली आ रही सदियों पुरानी परंपरा का सम्मान करता है.

वैज्ञानिक तर्क – मछली में भरपूर प्रोटीन होता है. ऐसे में इस कठिन व्रत से पहले मछली का सेवन कर पौष्टिक आहार ग्रहण किया जाता है ताकी व्रत में सहनशक्ति मिलती है.

शाकाहारी व्रती क्या खाती है ?

जो स्त्रियां शाकाहारी है वह जितिया व्रत से एक दिन पहले कर्मी और नोनी का साग खाती हैं. इसे मछली के समतुल्य माना गया है. इससे व्रती को शक्ति मिलती है.

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