Durga Visarjan 2025: शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर से शुरू होने वाले हैं दुर्गा विसर्जन के साथ इसका समापन होगा. इस साल शारदीय नवरात्रि 9 की बजाय 10 दिन की होगी इसलिए दुर्गा विसर्जन 2 अक्टूबर को किया जाएगा. इस दिन दशहरा भी है.
विजयादशमी पर दुर्गा विसर्जन कर माता को विदाई दी जाती है. बंगाली समुदाय के लोग इस दिन सिंदूर खेला उत्सव मनाते हैं. जिसमें सभी विवाहित महिलाएं एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर शुभकामनाएं देती हैं. आइए जानते हैं 2025 में दुर्गा विसर्जन का मुहूर्त.
दुर्गा विसर्जन 2025 मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, हर साल अश्विन शुक्ल दशमी तिथि के दिन प्रात:काल या अपराह्न काल में विजयादशमी तिथि शुरू होने के बाद दुर्गा विसर्जन किया जाता है. अगर श्रवण नक्षत्र और दशमी तिथि दोनों एक साथ सुबह के समय हो तो, प्रात: काल को दुर्गा विसर्जन अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है.
- अश्विन शुक्ल दशमी तिथि शुरू – 1 अक्टूबर 2025, रात 07:01
- अश्विन शुक्ल दशमी तिथि समाप्त – 2 अक्टूबर 2025, रात 07:10
- दुर्गा विसर्जन मुहूर्त – सुबह 06:15 – सुबह 08:37 (2 अक्टूबर)
- श्रवण नक्षत्र प्रारम्भ – 2 अक्टूबर 2025, सुबह 09:13
- श्रवण नक्षत्र समाप्त – 3 अक्टूबर 2025, सुबह 09:34
विसर्जन के बाद होता है नवरात्रि व्रत पारण
विसर्जन के दिन देवी की पूजा कर मूर्ति को प्रवाहित किया जाता है जिस दिन देवी दुर्गा राक्षस महिषासुर का वध करती हैं यानि दसवें दिन दुर्गा विसर्जन के बाद ही नवरात्रि के व्रत का पारण किया जाता है. इस साल नवरात्रि व्रत पारण 2 अक्टूबर को सुबह 6.15 के बाद किया जाएगा.
दुर्गा मूर्ति विसर्जन की सही विधि
- मूर्ति विसर्जन के दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठें और स्नान आदि कार्य से निवृत्त हो जाएं. विधिवत माता की पूजा करें, भोग लगाएं
- उन्हें सिंदूर अर्पित करें, विवाहित महिलाएं स्वंय ये सिंदूर लगाएं.
- आरती करें. जयकारों के बीच मां दुर्गा को मूर्ति को किसी तालाब या नदी में विसर्जित कर दें.
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