
क्या आपने कभी गौर किया है कि आपके मोबाइल फोन के नीचे या कभी-कभी कैमरे और फ्लैशलाइट के पास एक छोटा सा छेद बना होता है? ज्यादातर लोग इसे देखकर अनजान रह जाते हैं और सोचते हैं कि इसका काम आखिर है क्या. असल में यह छोटा सा छेद कोई सजावटी हिस्सा नहीं बल्कि आपके फोन का माइक्रोफोन है.

जब भी आप कॉल करते हैं या वॉइस रिकॉर्डिंग का इस्तेमाल करते हैं तो यही माइक्रोफोन सक्रिय होकर आपकी आवाज़ कैप्चर करता है. इसकी खासियत यह है कि यह केवल आपके बोलने की ध्वनि को पकड़ता है और आसपास के शोर को ज्यादा महत्व नहीं देता. इसलिए दूसरी तरफ बात करने वाले को आपकी आवाज़ साफ सुनाई देती है.

माइक्रोफोन की यह जगह भी खास सोच-समझकर तय की जाती है. आमतौर पर इसे चार्जिंग पोर्ट के पास रखा जाता है ताकि जब आप फोन को मुंह के पास लेकर बात करें तो आवाज़ सीधे इसी हिस्से से होकर गुज़रे और साफ़ ट्रांसमिट हो. वहीं कुछ फोनों में एक अतिरिक्त माइक्रोफोन ऊपर या कैमरे के पास भी दिया जाता है जो नॉइज़ कैंसिलेशन में मदद करता है.

कह सकते हैं कि फोन का यह छोटा सा छेद जितना साधारण दिखता है, उतना ही अहम रोल निभाता है. इसके बिना न तो कॉलिंग का अनुभव बेहतर होता और न ही वॉइस रिकॉर्डिंग या वीडियो की ऑडियो क्वालिटी. यही वजह है कि मोबाइल डिज़ाइन में इस छोटे से हिस्से को हमेशा प्राथमिकता दी जाती है.

माइक्रोफोन हर फोन में मौजूद होता है जो आपकी आवाज को अच्छे से रिकॉर्ड और कॉल के दौरान दूसरों तक पहुंचाने में मदद करता है. हालांकि, इसकी जगह हर फोन में अलग-अलग हो सकती है. लेकिन इसका साइज बेहद छोटा होता है जिसे कई बार यूजर एक बेमतलब का छेद समझ लेते हैं.
Published at : 13 Sep 2025 11:30 AM (IST)