.
यह कहना है बॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर-प्रोड्यूसर केसी बोकाड़िया का। उनके अनुसार- आज सिर्फ बड़े एक्टर्स का असर नहीं रहा, पब्लिक को कंटेंट और मैटर चाहिए।
अच्छा सब्जेक्ट दोगे तो पिक्चर हिट हो जाएगी। एक बार फिर पहले जैसे सदाबहार गाने चलन में आए हैं। लोगों का जुड़ाव फिर से सिनेमा की ओर बढ़ रहा हैं। राजस्थान में भी जल्द ही फिल्मसिटी दिखाई देगी, इसके लिए राज्य सरकार के स्तर पर प्रयास जारी है।
बोकाड़िया मंगलवार को नागौर में थे। इस मौके पर भास्कर ने उनसे बातचीत कीं।
पढ़िए…पूरा इंटरव्यू

सवाल: शुरुआत से सफर कैसे शुरू हुआ?
बोकाड़िया: पहले कई फिल्मों में काम किया लेकिन प्यार झुकता नहीं फिल्म से खुद का डायरेक्शन शुरू किया। उसके बाद तेरी मेहरबानियां, नसीब अपना अपना, कुदरत का कानून। उसके बाद तो करते रहे और फिल्में हिट होती रहीं। फिर सबकुछ दुनिया के सामने है।
सवाल: सलमान-शाहरुख को ‘हम तुम्हारे हैं सनम’ के जरिए साथ लाए, दोनों को राजी कैसे किया?
बोकाड़िया: सच्चाई तो ये है कि मैंने उस फिल्म के लिए सलमान खान, शाहरुख खान, माधुरी दीक्षित और ऐश्वर्या राय को सिर्फ 24 घंटे में साइन कर लिया था। पहले इस फिल्म के लिए काजोल को लेने का सोचा था, लेकिन उनसे बात नहीं बनी। उस समय माधुरी का असिस्टेंट जानकार था, माधुरी के लिए रोल ले लिया। इन चारों का एक ही फ्रेम में आना, मजाक नहीं है। ऐसे कई अजूबे हुए। आज का अर्जुन के लिए अमिताभ बच्चन के पास गया तो उन्होंने अपनी फीस 70 लाख की बजाय 80 लाख रुपए बताई। मैंने कहा हीरो कोई लाख में नहीं होता, 1 करोड़ रुपए लीजिए। इस तरह पहली बार किसी हीरो को एक फिल्म के लिए करोड़ रूपए फीस मिली।
सवाल: आपने सिनेमा में अपना पैटर्न नहीं बदला, क्या इसलिए आपकी फिल्में कम हो गईं?
बोकाड़िया: मैंने अपनी दुकान नहीं छोड़ी, अपना रूट नहीं छोड़ा। इमोशनल एंगल हमेशा रखा। अभी एक तीसरी बेगम नामक फिल्म बनाई है, सेंसर बोर्ड ने उसे भले ही रोक लिया हो, लेकिन मैंने ट्रेक नहीं छोड़ा। हाईकोर्ट से राहत मिल गई है। तीसरी बेगम अब रिलीज होगी। एक और फिल्म ‘जिंदगी नमकीन है’, आ रही है।
सवाल: 5 दशक में सिनेमा में किस तरह का परिवर्तन देखते हैं?
बोकाड़िया: सिनेमा में प्रयोग करने वाले सब भाग गए हैं। अब फिर से गाड़ियों में पुराने गाने बजते सुनाई देते हैं। घरों में पुराने गाने सुनने का दौर फिर शुरू हो गया है। पुराना एक गाना सुनोगे तो उसका हैंगओवर रहेगा। आजकल के गानों का समझ ही नहीं आता, किसका शॉट किधर डाल दिया, फर्क ही नहीं पड़ता। सबकी दुकानें बंद हो गईं। बीच में सिनेमा पर कुछ कॉर्पोरेट हाउस कब्जा करने में लगे थे, जिन्हें हिंदी सिनेमा से कोई लेना-देना नहीं था। इस वजह से मनोरंजन जगत में बदलाव आ गया था, लेकिन अब फिर से सिनेमा की समझ वाले लोग बढ़े हैं। आजकल अच्छा कंटेंट होता है तो लोग देखने आते हैं।
सवाल: क्या सिनेमा हॉल से ओटीटी तक बॉलीवुड में परिवर्तन तो हुआ है?
बोकाड़िया: कोरोना काल आ गया और सिनेमा हॉल की टिकटें इतनी महंगी हैं कि लोग सोचते हैं छोड़ो जाने दो। कुछ दिन में तो टीवी और मोबाइल पर ये फिल्म आ ही जाएगी। अब फिल्मों के प्रति कोई कशिश नहीं है। पहले लोग सिर्फ गाना सुनने के लिए पूरी फिल्म देखने भागते थे। लोग एक गाने को 4-4 बार देखते थे। अब सबकुछ पहले ही आ जाता है, एक्सपोजर के साधन बदल गए हैं। अच्छी चीज बनेगी तो चलेगी भी।

सवाल: कास्टिंग काउच की खूब चर्चा होती है, सच क्या है? बोकाड़िया: पता नहीं, कहीं कुछ चलता होगा। अभी 1 लाख बच्चे वहां घूम रहे हैं। कोई खेत बेचकर आया है, कोई घर बेचकर आया है, कोई कंगन बेचकर आया है। मैं तो उन बच्चों से कहता हूं कि कोई कोऑर्डिनेटर फोन करता है तो पोर्टफोलियो की फाइल उठाकर चले जाते हो। उन्हें जाने से पहले गूगल ही कर लेना चाहिए कि जिसके पास जा रहे हैं, उसने क्या बनाया या क्या बनाएगा?
सवाल: हर जगह क्षेत्रीय इंडस्ट्री डवलप है, लेकिन राजस्थानी इंडस्ट्री क्यों नहीं हो पा रही? बोकाड़िया: क्योंकि यहां हिंदी की भाषा बहुत कॉमन है तो लोग सीधे बॉलीवुड से ही कनेक्ट करते हैं। यहां साल में कोई एक-आध फिल्म ही बनाता है।
सवाल: राजस्थान फिल्म सिटी बनाने की बात थी, क्या प्रोग्रेस है? बोकाड़िया: सीएम भजनलाल शर्मा इस मामले में बहुत अच्छे आदमी हैं। मैं उनसे मिलकर बहुत प्रभावित हुआ। उन्होंने 4 घंटे में ही इस बारे में पॉजिटिव डिसीजन ले लिया। सबकुछ तैयार हो गया, जयपुर-दिल्ली के बीच जमीन भी अलॉट हो गई। हम भी तैयार हैं।
सवाल: डीडी नेशनल पर संस्कार नामक सीरियल को लेकर काफी चर्चाएं हैं, इसका प्लॉट क्या है? क्या दूरदर्शन की लोकप्रियता फिर बढ़ेगी? बोकाड़िया: संस्कार मतलब सबकुछ है उसमें, परिवार-समाज। संस्कार उसी तरह जरूरी है जैसे शरीर के लिए रोटी। दूरदर्शन पर कुछ दिन पहले सरदार- द गेमचेंजर सीरियल किया था, उसकी अच्छी रेटिंग आई है। दूरदर्शन की पूरी टीम लगी हुई है। कुछ नया करने की भी तैयारी है। मैं राजस्थान इंडस्ट्री के लिए तैयार रहूंगा।