दिल्ली एयरपोर्ट पर हरियाणवीं अंदाज में बाक्सर पूजा का स्वागत करते परिजन।
लिवरपूल (यूके) में 2025 वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर स्वदेश लौटीं हरियाणा की बेटी पूजा बोहरा का दिल्ली एयरपोर्ट पर जोरदार स्वागत किया गया। इस स्वागत समारोह में हरियाणवी संस्कृति की अनूठी झलक देखने को मिली, जिसने सबका ध्यान अपनी ओ
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भिवानी की रहने वाली बॉक्सर पूजा बोहरा का स्वागत करने के लिए उनके परिवारजन बहादुरगढ़ की मोनिका मान द्वारा डिजाइन की गई विशेष हरियाणवी पारंपरिक पोशाकों में पहुंचे थे। पुरुषों ने धोती-कुर्ता पहना था, जबकि महिलाएं कुर्ता-दामन और गोटेदार चुनरी ओढ़े हुए थीं।

दिल्ली एयरपोर्ट पर स्वागत कार्यक्रम में डांस करती पूजा व उनके परिजन।
पूजा बोली- अच्छा लगा स्वागत का अंदाज
एयरपोर्ट पर स्वागत के लिए पहुंचे परिवार के सभी लोगों को हरियाणवीं ड्रेस में देखकर पूजा हद खुश हुईं। इस दौरान पूजा ने कहा कि स्वागत का यह अंदाज मुझे काफी अच्छा लगा। परिवार के सभी लोग हरियाणवीं ड्रेस में काफी अच्छे लग रहे थे। इससे मेरी जीत की खुशी कई गुणा बढ़ गई।
पति आकाश ने दिया पूजा का सरप्राइज
हरियाणवीं ड्रैस की डिजाइनर बहादुरगढ़ निवासी मोनिका मान ने बताया कि पूजा के पति आकाश सिंहमार उन्हें सरप्राइज देना चाहते थे। इसलिए उन्होंने मुझे संपर्क किया और 6 सितंबर को 11 पुरुषों और 9 महिलाओं के लिए ड्रेस बनवाने का ऑर्डर दिया। 15 सितंबर को पूजा के स्वदेश लौटने का कार्यक्रम था और पूरा परिवार हरियाणवी पोशाक में उनका स्वागत करने के लिए एयरपोर्ट पहुंचा।

बहादुरगढ़ की मोनिका मान द्वारा बनाई गई धोती-कुर्ता पहनकर पूजा का स्वागत करने पहुंचे परिजन।
हरियाणवी परिधान से अपनी संस्कृति को बढ़ावा दे रही मोनिका
मोनिका मान ने कोरोना काल में हरियाणवी परिधानों को नया जीवन दिया। उन्होंने महिलाओं के लिए घाघरा, कुर्ता और गोटेदार चुनरी बनाना शुरू किया। मोनिका मान सोशल मीडिया पर “धाकड़ बाजार” के नाम से एक अकाउंट चलाकर पारंपरिक पोशाकों को बढ़ावा दे रही हैं।

दिल्ली एयरपोर्ट पर स्वागत करते परिजन।
रोजगार के साथ विदेशों तक पहुंच रही हरियाणवीं संस्कृति की धमक
मोनिका के इस काम में 10 से ज्यादा महिलाओं और कुछ पुरुषों को रोजगार मिल रहा है। उनकी बनाई हुई पारंपरिक हरियाणवी पोशाकें अमेरिका, इंग्लैंड, कनाडा, न्यूजीलैंड जैसे देशों में भी ऑनलाइन मंगवाई जा रही हैं। मोनिका की मदद से महिलाएं घर पर ही काम पाकर आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं।