उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (UP-ATS) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन TSPC के सब जोनल कमांडर उमेश सिंह उर्फ नगीना उर्फ डॉक्टर को सोनभद्र से गिरफ्तार किया है. उमेश पर 5 लाख रुपये का इनाम घोषित था.
झारखंड के पलामू में 3 सितंबर को हुई मुठभेड़ के बाद कुछ उग्रवादी उत्तर प्रदेश में शरण लेने की कोशिश कर रहे थे. इसी इनपुट पर ATS की वाराणसी यूनिट ने बुधवार सुबह विंढमगंज मार्ग पर घेराबंदी कर उमेश को दबोच लिया.
गिरफ्तार अभियुक्त के पास से 32 बोर रिवॉल्वर, 9MM पिस्टल, इंसास राइफल के 14 कारतूस, SLR राइफल के 10 कारतूस, 99,500 नगद और 10 सिम कार्ड, की-पैड मोबाइल बरामद किया गया. पुलिस के अनुसार, यह रकम लेवी से वसूली गई थी.
उमेश सिंह पर 12 से अधिक मामले दर्ज
उमेश सिंह का लंबा आपराधिक इतिहास है और उसके खिलाफ झारखंड में हत्या, मुठभेड़, आर्म्स एक्ट और UAPA समेत 12 से अधिक मामले दर्ज हैं. ATS ने आरोपी को कोर्ट में पेश कर 8 दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड हासिल की है. अधिकारियों का कहना है कि पूछताछ में गिरोह के नेटवर्क और अन्य साथियों के नाम सामने आ सकते हैं.
डॉक्टर की गिरफ्तारी नक्सलवाद पर काबू पाने की दिशा में एक अहम सफलता मानी जा रही है. झारखंड और उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर लंबे समय से सक्रिय नक्सली गतिविधियां सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती रही हैं. डॉक्टर जैसे खतरनाक नक्सलियों की गिरफ्तारी से न केवल उनका नेटवर्क कमजोर होगा, बल्कि सुरक्षा बलों को उनके कामकाज और रणनीति की गहरी जानकारी भी मिलेगी.
क्या है आगे की प्लानिंग?
फिलहाल डॉक्टर से गहन पूछताछ की जा रही है और सुरक्षा एजेंसियां उसके साथियों की तलाश में छापेमारी कर रही हैं. झारखंड और उत्तर प्रदेश पुलिस मिलकर नक्सलवाद के खिलाफ साझा अभियान चलाने की तैयारियों में जुटी हैं, ताकि क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों पर पूरी तरह अंकुश लगाया जा सके.
उमेश सिंह झारखंड के पलामू, गढ़वा और लातेहार जिलों में हुए कई नक्सली हमलों में शामिल होने के आरोप हैं. माना जाता है कि वह संगठन का बेहद सक्रिय सदस्य रहा है और कई बड़ी नक्सली वारदातों में उसकी भूमिका सामने आ चुकी है.
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