Maihar Mata Sharda Temple: मध्य प्रदेश के सतना जिले के त्रिकूट पर्वत पर स्थित मैहर माता शारदा मंदिर आस्था और चमत्कार का प्रतीक है. अभी नवरात्र के दिनों में मंदिर में भक्तों की अपार भीड़ उमड़ रही है. इस मंदिर को लेकर सदियों से चली आ रही रहस्यमयी कहानी से आज भी पर्दा नहीं हटा है. यह कहानी माता रानी के अनन्य भक्त आल्हा-ऊदल से जुड़ा है जो आज भी माता की आरती करते हैं लेकिन किसी को नजर नहीं आते हैं.
आल्हा-ऊदल की अदृश्य आरती: मान्यताओं के अनुसार, मां शारदा के परम भक्त आल्हा-ऊदल आज भी प्रत्येक दिन मां की पहली आरती करते हैं. संध्या आरती के बाद जब मंदिर का कपाट बंद हो जाता है. पुजारी पहाड़ से नीचे उतर आते हैं तो आल्हा-ऊदल मां की आरती करते हैं. मंदिर के भीतर से घंटियों की मधुन ध्वनी सुनी जाती है और कई बार माता शारदे के गर्भगृह में ताजा फुल भी बिखरा रहता है. जो आल्हा ऊदल के मान्यता को और भी प्रमाणित करते हैं. कहा जाता है कि आल्हा ऊदल को मां ने अमरत्व का वरदान दिया था.
इतिहास और शक्तिपीठ की महिमा: यह मंदिर माता रानी के 52 शक्तिपीठों में से एक है. मैहर में माता सती का हार (कंठ) गिरा था. इसलिए इसे ‘माई का हार’ अर्थात मैहर कहा गया. यही कारण है कि यह स्थान शक्ति उपासना का महत्वपूर्ण केंद्र है.
आल्हा की तपस्या और अमरत्व का वरदान कहते हैं कि वीर आल्हा ने त्रिकुट पहाड़ी के जंगलों के बीच इस मंदिर की खोज की थी. उन्होंने करीब बारह सालों तक कठोर तपस्या की थी फिर मां शारदे ने प्रसन्न होकर उनको अमरत्व का वरदान दिया था. मंदिर परिसर के पास स्थित आल्हा तालाब और अखाड़ा आज भी इस गाथा की गवाही देते हैं. यहां आल्हा की तलवार और खड़ाऊं आज भी श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए सुरक्षित रखा गया है.
नवरात्र में भक्ति का महापर्व: नवरात्र के दौरान मैहर में आस्था का अद्भुत ज्वार उमड़ता है. ब्रह्ममुहूर्त में मां शारदा का विशेष श्रृंगार किया जाता है और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजन होता है. मान्यता है कि मां की प्रथम पूजा आज भी आल्हा ऊदल ही करते हैं. ताजे कमल के फूल अर्पित करते हैं. मंदिर में जाने के लिए भक्तों को 1063 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है. रोपवे से होकर भी भक्त मंदिर तक पहुंचते हैं.
मैहर माता शारदा का यह प्राचीन मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, वीरता और भक्ति की जीवित गाथा है. आल्हा-ऊदल की अदृश्य आरती आज भी श्रद्धालुओं के बीच कौतुहल का विषय बना रहता है.
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