
सनातन धर्म में गाय को माता के रूप में पूजा जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि गाय में 33 कोटि के देवी-देवताओं का वास है. अक्सर रोटी बनाते समय पहली रोटी गाय के लिए होती है. आपने कभी जानना चाह इसके पीछे का क्या महत्व है?आइए जानते हैं.

हिंदू वेद और पुराण में 5 तरह के कर्तव्यों का जिक्र किया गया है. जिसमें देव यज्ञ, ऋषि यज्ञ, पितृ यज्ञ, भूत यज्ञ और अतिथि यज्ञ शामिल हैं. ये पांच तरह के कर्तव्य जीवन को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की दिशा में आगे बढ़ाने में मददगार साबित होते हैं.

इन सभी यज्ञों में भूत यज्ञ बेहद महत्व रखता है. ऐसा इसलिए क्योंकि भूत यज्ञ में सभी प्राणी और जीव-जंतु आ जाते हैं. इस यज्ञ में छोटे-छोटे कीट-पतंगों से लेकर पशु पक्षी और पर्यावरण तक शामिल होते हैं.

भूत यज्ञ के अंतर्गत हिंदू धर्म में गाय को पहली रोटी देना का काफी महत्व बताया गया है. सबसे पहले गाय को मां का दर्जा प्राप्त है. गाय को भोजन कराने से सभी तरह के कष्टों का निवारण होता है.

शास्त्रों के अनुसार गाय को खाना खिलाने से पितरों की आत्मा तृप्त होती है. श्राद्ध व तर्पण में भी गायों का अहम स्थान बताया गया है. वही वैज्ञानिक दृष्टि के नजरिए से बात करें तो गाय के पास बैठने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. इन्हीं सब लाभों की वजह से हिंदू धर्म में गाय को पहली रोटी खाने को दी जाती है.

भूत यज्ञ के अंतर्गत गाय को पहली रोटी देना मात्र धार्मिक कर्तव्य ही नहीं, बल्कि जीवों के प्रति दया और सम्मान की भावना को भी दर्शाता है.
Published at : 03 Oct 2025 07:00 AM (IST)