पिछले कुछ समय से दुनियाभर में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) की धूम मची हुई है. आम लोगों से लेकर बड़ी-बड़ी कंपनियां AI टूल्स यूज कर रही हैं. नई टेक्नोलॉजी को अपनाने के साथ-साथ नए तरह के जोखिम भी बढ़ रहे हैं. अब एक रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. नैचर पत्रिका में पब्लिश हुई इस रिसर्च में बताया गया है कि ChatGPT जैसे AI टूल्स का अधिक इस्तेमाल लोगों को बेईमान बना सकता है. आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं.
किस बारे में हुई थी रिसर्च?
आजकल लोग अपने घर से लेकर ऑफिस तक के काम AI टूल्स से करवाने लगे हैं. इस तरह AI को काम सौंप देने और इससे इंसान के व्यवहार पर पड़ने वाले असर को लेकर एक रिसर्च की गई थी. इसमें सामने आया कि लोगों के लिए अपने लिए किसी मशीन को झूठ बोलने की बात कह देना आसान होता है और AI टूल ऐसा आराम से कर लेते हैं. उनमें इंसानों की तरह साइकोलॉजिकल बैरियर नहीं होते, जो झूठ बोलने या बेईमानी करने से रोकते हैं.
रिसर्च में हुआ यह खुलासा
रिसर्चर ने बताया कि AI के जरिए इंसान बेईमानी करते समय बुरा महसूस नहीं करता. मशीनें हर बार और हर काम में बेईमानी कर सकती हैं, लेकिन इंसान ऐसा नहीं करता. अब चूंकि AI टूल्स बड़े लेवल पर लोगों के लिए एक्सेसिबल हो गए हैं और लोग उन्हें कई तरह के काम सौंप रहे हैं. इस वजह से अनैतिक व्यवहार में बढ़ोतरी हो सकती है. ऐसा किसी बदनीयति के कारण नहीं हो रहा बल्कि अब लोग ऐसा करते समय नैतिकता और दूसरी चीजों की कम परवाह कर रहे हैं. रिसर्चर का कहना है कि लोगों के लिए खुद अनैतिक व्यवहार करने की बजाय मशीनों से ऐसा करने की रिक्वेस्ट करना ज्यादा आसान है.
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