
2025 में इंटरनेट की सबसे ऊंची कीमतों वाला देश है संयुक्त अरब अमीरात (UAE). यहां यूज़र्स को औसतन $4.31 प्रति Mbps खर्च करना पड़ता है. इसका मतलब यह हुआ कि अगर किसी को हाई-स्पीड डेटा प्लान चाहिए तो उसका मासिक खर्च बाकी देशों की तुलना में कई गुना ज्यादा होगा.

अफ्रीकी देश घाना इस सूची में दूसरे स्थान पर है जहां लोगों को इंटरनेट के लिए $2.58 प्रति Mbps देना पड़ता है. कमजोर इंफ्रास्ट्रक्चर और सीमित सेवा प्रदाताओं की वजह से यहां इंटरनेट का खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है.

यूरोप का स्विट्ज़रलैंड देश भले ही टेक्नोलॉजी और इनोवेशन में आगे है लेकिन इंटरनेट के मामले में यह काफी महंगा साबित हुआ है. स्विट्ज़रलैंड में इंटरनेट की औसत कीमत $2.07 प्रति Mbps है जो इसे दुनिया का तीसरा सबसे महंगा देश बनाती है.

अफ्रीका का एक और देश केन्या चौथे नंबर पर है. यहां इंटरनेट यूज़र्स को $1.54 प्रति Mbps की दर से भुगतान करना पड़ता है. हालांकि सरकार डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दे रही है फिर भी यहां डेटा महंगा और सीमित है.

मोरक्को में इंटरनेट की औसत कीमत $1.16 प्रति Mbps है. देश में इंटरनेट की पहुंच तो तेजी से बढ़ रही है लेकिन कीमतें अब भी आम यूज़र्स की पहुंच से बाहर हैं.

भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान इस सूची में दसवें नंबर पर है. वहां इंटरनेट की औसत लागत $0.53 प्रति Mbps है. आर्थिक संकट और सीमित नेटवर्क कवरेज के कारण इंटरनेट सेवाएं महंगी बनी हुई हैं.

दुनिया के इन महंगे देशों के मुकाबले भारत में इंटरनेट बेहद सस्ता है. यहां यूज़र्स को औसतन $0.08 प्रति Mbps में डेटा मिल जाता है. भारत इस मामले में दुनिया में 41वें स्थान पर है लेकिन यह दुनिया के सबसे सस्ते इंटरनेट वाले देशों में गिना जाता है. भारत में 900 मिलियन से ज्यादा इंटरनेट यूज़र्स हैं और जियो, एयरटेल तथा वी जैसे टेलीकॉम ऑपरेटरों की प्रतिस्पर्धा ने डेटा की कीमतों को बेहद कम कर दिया है. इसी वजह से भारत में डिजिटल क्रांति तेज़ी से बढ़ रही है और हर तबके के लोगों तक इंटरनेट पहुंच पा रहा है.
Published at : 14 Oct 2025 08:00 AM (IST)
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